लखनऊ(उत्तर प्रदेश)। प्रत्येक वर्ष 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन लोगों को पर्यावरण की रक्षा के बारे में जागरूक किया जाता है। और इस समय जब हम पर्यावरण की बात कर रहे हैं तो पूरा देश भीषण गर्मी से जूझ रहा है। बढ़ता तापमान नये रिकॉर्ड बना रहा है। ऐसे विपरीत समय में हम याद करते हैं पेड़ व जंगल। ऐसे में हमें लगता है कि हमारे लिए पेड़ और जंगलों का होना कितना जरूरी है।
यह जानते हुए भी कि पेड़ हमारे और इस धरती के लिए कितने जरूरी हैं, विकास परियोजनाओं के लिए हर साल लाखों पेड़ों की बलि दे दी जा रही है। द नेशनल न्यूज की एक रिपोर्ट के मुताबिक पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री अश्विनी कुमार ने लोकसभा में बताया कि 2020 से 2022 के बीच 90 निर्माणकारी योजनाओं के चलते मंत्रालय की ओर से 23 लाख पेड़ काटने की अनुमति दी गई।
भारत में क्या है पेड़, जंगलों की स्थिति, वन सर्वेक्षण की रिपोर्ट के मुताबिक भारत के 80.9 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्रफल में जंगल व पेड़ हैं जो कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 24.62 प्रतिशत है। 2019 के आकलन के मुताबिक भारत में कुल वन और वृक्षों से भरे क्षेत्र में 2,261 वर्ग किमी की बढ़ोतरी हुई है। इसमें से वनावरण में 1,540 वर्ग किमी और वृक्षों से भरे क्षेत्र में 721 वर्ग किमी की वृद्धि हुई। वहीं अगर वन आवरण की बात करें तो सबसे ज्यादा वृद्धि खुले जंगल में हुई है। उसके बाद काफी घने जंगल में भी हुई है। सबसे ज्यादा पेड़ों व जंगलों में बढ़ोतरी आंध्र प्रदेश में 647 वर्ग किमी, तेलंगाना में 632 वर्ग किमी और ओडिशा का 537 वर्ग किमी क्षेत्रफल में हुई है।
इन राज्यों में सबसे ज्यादा जंगल
अगर जंगल के क्षेत्रफल की बात करें तो मध्य प्रदेश में देश का सबसे बड़ा वन क्षेत्र है। इसके बाद अरुणाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा और महाराष्ट्र हैं। कुल भौगोलिक क्षेत्र के प्रतिशत के रूप में वन आवरण के मामले में, शीर्ष पांच राज्य मिजोरम (84.53%), अरुणाचल प्रदेश (79.33%), मेघालय (76.00%), मणिपुर (74.34%) और नगालैंड (73.90%) हैं।
इन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 33 से 75 प्रतिशत तक वन क्षेत्र
लक्षद्वीप, मिजोरम, अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह, अरुणाचल प्रदेश और मेघालय में 75 प्रतिशत से अधिक वन क्षेत्र हैं। इन जगहों पर घने जंगल पाये जाते हैं, चारों ओर हरियाली रहती है। जबकि मणिपुर, नगालैंड, त्रिपुरा, गोवा, केरल, सिक्किम, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, दादरा एवं नगर हवेली और दमन एवं दीव,असम,ओडिशा में जंगलों का क्षेत्रफल 33 प्रतिशत से 75 प्रतिशत के बीच है। उत्तर प्रदेश का भौगोलिक क्षेत्र 2,40,928 वर्ग किमी है जिसमें से 14,818 वर्ग किमी क्षेत्रफल जंगल का है। अगर प्रतिशत की बात करें तो उत्तर प्रदेश का 6.15 प्रतिशत क्षेत्रफल वन का है। जबकि उत्तर प्रदेश में की जनसंख्या सबसे ज्यादा है। तटीय पौधों की बात करें तो मैंग्रोव क्षेत्र 4,992 वर्ग किमी है। 2019 के पिछले आकलन की तुलना में मैंग्रोव क्षेत्र में 17 वर्ग किलोमीटर की बढ़ोतरी हुई है। पश्चिम बंगाल का सुंदरवन मैंग्रोव वन भारत के साथ-साथ पूरी दुनिया का सबसे बड़ा मैंग्रोव वन है। यह एकमात्र मैंग्रोव वन है जिसमें रॉयल बंगाल टाइगर्स रहते हैं।