बार-बार क्‍यों बढ़ रही दूध की कीमत? जानिए इसके पीछे की असल वजह

लखनऊ (उत्तर प्रदेश)। गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन महासंघ यानी अमूल और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के स्वामित्व वाली मदर डेयरी ने दूध की कीमतों में दो रुपए प्रति लीटर तक की बढ़ोतरी कर दी है। नई दरें सोमवार से लागू हो गई हैं। वर्ष 2024 में दूध की कीमतें पहली बार बढ़ी हैं। लेकिन प‍िछला दो साल देखें तो दूध लगभग 10 रुपए प्रत‍ि लीटर तक महंगा हो चुका है। लेकिन ऐसा हो क्‍यों हो रहा? आख‍िर दूध बार-बार महंगा क्‍यों हो रहा?

अमूल की नई कीमतों के अनुसार अब अमूल गोल्ड की कीमत 64 रुपए/लीटर से बढ़कर 66 रुपये/लीटर हो गई है। अमूल टी स्पेशल की प्रति लीटर कीमत 62 रुपए से बढ़कर 64 रुपए, अमूल शक्ति की कीमत 60 रुपए से बढ़कर 62 रुपए हो गई है। वहीं अमूल भैंस के दूध की 500 एमएल की थैली अब 35 रुपए के बजाय 37 रुपए जबकि एक लीटर वाले पैक की कीमत 70 के बजाय 73 रुपए हो गई है। मदर डेयरी ने भी सभी तरह के दूध की कीमतों में दो रुपए बढ़ोतरी करते कहा क‍ि दूध की लागत बढ़ने की वजह से ये फैसला लेना पड़ा।

उत्‍तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से लगभग 30 क‍िलोमीटर दूर केउली गांव के क‍िसान और दूध व्‍यापारी अरुण वर्मा न्यूजपोटली को फोन पर बताते हैं कि गायों का खानपान काफी महंगा हो गया है। दो साल पहले चोकर की 50 किलो वजनी बोरी 1150 रुपए की थी अब वो 1350 रुपए की हो गई है। इसी तरह पशु आहार 980 रुपए का मिलता था अब 1,230 का मिल रहा। भूसे का भाव 3.5 रुपए किलो था जो अब 6.5 रुपए किलो हो गया। दलिया 20-22 रुपए किलो से 28 रुपए किलो बाजार में बिक रही है। ऐसे में जब सब कुछ महंगा हो रहा है तो दूध की कीमत तो बढ़ेगी ही।

दो साल में 11 रुपए तक बढ़ी कीमत

इससे पहले अमूल ने प‍िछले साल फरवरी 2023 में दूध की कीमत तीन रुपए प्रति लीटर तक बढ़ा दी थी। दिसंबर 2022 में मदर डेयरी और उत्तर प्रदेश से संचालित दूध कंपनी पराग ने भी रेट बढ़ा दिए थे। मार्च 2022 में अमूल का फुल क्रीम दूध (6% फैट और 9% एसएनएफ) प्रत‍ि लीटर 58 रुपए था जो अब 68 रुपए हो चुका है। फरवरी 2023 में ये कीमत 66 रुपए प्रत‍ि लीटर थी। अक्‍टूबर 2022 में जब अमूल ने कीमत बढ़ाई थी, तब कंपनी के प्रबंध निदेशक आर एस सोढ़ी ने इसके लिए चारे की बढ़ती कीमत को वजह बताया था। इस बार कंपनी ने अपने बयान में कहा क‍ि खाद्य महंगाई दर के ह‍िसाब से कीमत अभी भी कम ही है।

दूध की महंगाई दर क्‍या कह रही?

आर्थिक सलाहकार का कार्यालय की रिपोर्ट के अनुसार प‍िछले साल यानी मई 2023 में दूध की थोक मुद्रास्फीति दर 6.83 फीसदी थी जो इसी समय 2022 में 5.81 फीसदी ही थी। हालांक‍ि जनवरी 2024 में ये दर 5.38% पर पहुंव गई जबकि समान अवध‍ि में 2023 में ये 9.85% पर थी। बात अगर इस साल की करें तो मई में आई फरवरी 2024 की र‍िपोर्ट के अनुसार दूध की थोक मुद्रास्फीति दर 5.46 पर है जो समान अवध‍ि में 2023 में 10.33% थी। इस तरह देखें तो दरों में ग‍िरावट तो आई है। लेकिन जानकारों का कहना है क‍ि ये अभी भी बहुत ज्‍यादा है। क्‍योंक‍ि दो साल पहले 2022 में ये दर 1.87 फीसदी ही थी। मुद्रास्फीति को दूसरे शब्दों में महंगाई दर भी सकते हैं।

क्‍या चारा की कीमत भी है वजह?

भारतीय चरागाह और चारा अनुसंधान संस्‍थान झांसी, उत्तर प्रदेश से फोन पर म‍िली जानकारी के अनुसार बढ़ती गर्मी की वजह से गेहूं की फसल प्रभावित हो रही है। ऐसे में भूसा घट रहा है। चारे की बढ़ती कीमत की ये सबसे बड़ी वजह है। केंद्र सरकार ने वर्ष 2021 में एक सवाल के जवाब में लोकसभा में बताया था क‍ि देश में 2025 तक चारे का संकट गहरा सकता है और देश में सूखे चारे की 23%, हरे चारे की 40% और मिश्रित पशु आहार की 38% तक की कमी हो सकती है जिसका सीधा असर दूध उत्पादन और डेयरी सेक्टर पर पड़ेगा।

इसके बाद 20 दिसंबर 2022 को मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री परशोत्‍तम रूपाला ने भी माना क‍ि देश में चारे की कीमत बढ़ी और इसकी कमी भी है। उन्‍होंने बताया क‍ि नवंबर 2022 में चारे का सूचकांक मूल्य 225.7 दर्ज किया गया जो नवंबर 2021 में 176.8 ही था। इस तरह देखें तो इस एक साल के दौरान इसमें 27.66 फीसदी तक की वृद्धि हुई।

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