नई दिल्ली/ लखनऊ। बढ़ते तापमान और चिलचिलाती धूप के बीच लहसुन की बढ़ती कीमतों ने उपभोक्ताओं की चिंता बढ़ा दी है। कई राज्यों में लहसुन की खुदाई हो चुकी है जबकि हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में लहसुन की खुदाई चल रही है। सीजन होने के बावजूद इसकी कीमतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं और खुदरा बाजार में इसकी कीमत 300 रुपए प्रति किलो तक पहुंच चुकी है।
देश की राजधानी दिल्ली की आजादपुर मंडी के लहसुन आढ़ती अभिनव ने न्यूज पोटली को फोन पर बताया, “पिछले साल के मुकाबले इस बार लहसुन का उत्पादन कम हुआ है जिसके चलते दाम बढ़े हुए हैं। अभी लहसुन 100 से 180 रुपए किलो के बीच बिक रहा है। कुछ महीने पहले तो लहसुन का भाव 350 रुपए प्रति किलो था। सीजन आते-आते 100 रुपए किलो तक ही भाव आया। भविष्य में दाम बढ़ेंगे ही, कम नही होंगे।
मध्य प्रदेश सबसे बड़ा लहसुन उत्पादक राज्य है। देश के कुल लहसुन उत्पादन में मध्य प्रदेश की लगभग 60 फीसदी हिस्सेदारी है। किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग मध्यप्रदेश की वेबसाइट से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक मध्यप्रदेश में लगभग 60 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में 2.70 लाख टन लहसुन का उत्पादन होता है। राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड के आकड़ों के मुताबिक वर्ष 2021-2022 देश में 3,200 मीट्रिक टन लहसुन का उत्पादन हुआ था।
पुणे स्थित प्याज एवं लहसुन अनुसंधान निदेशालय के फसल सुरक्षा विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक संकेत मोरे ने न्यूज पोटली को फोन पर बताया ” अक्टूबर-नवम्बर के महीने में बेमौसम बारिश हुई थी। उस समय लहसुन के खेतों में बुवाई हो चुकी थी। बारिश से फसल प्रभावित हुई जिसके चलते चलते उत्पादन कम हुआ है।”
आजादपुर मंडी के ही एक दूसरे लहसुन आढ़ती रमेश गुलाटी ने न्यूज पोटली को बताया, “मंडी में लहसुन अभी 100 रुपए से लेकर 180 रुपए प्रति किलो बिक रहा है। वर्तमान समय में हिमांचल प्रदेश का लहसुन मंडी में आ रहा है। मध्य प्रदेश में इसबार लहसुन की पैदावार कम हुई है, इस कारण भाव कम नहीं हो रहा। एक से डेढ़ महीने में लहसुन के भाव में लगभग 50 रुपए बढ़ने की उम्मीद है। जुलाई के बाद आयात होगा तो भाव में पर कुछ असर पड़ेगा।”
दिल्ली की सब्जी मंडियों में पिछले चार महीने के दौरान लहसुन का थोक भाव 40-60 रुपए प्रति किलोग्राम से बढ़कर 100-180 रुपए प्रति किलोग्राम तक पहुंच चुका है।
लखनऊ के गोमती नगर में सब्जी विक्रेता राजीव प्रकाश के मुताबिक लहसुन मंडी में काफी महंगा मिल रहा है। पहले की अपेक्षा बिक्री भी कम हो गई है। अभी हम 70 रुपए पाव लहसुन बेच रहे हैं।
रिकॉर्ड स्तर पर निर्यात
वित्त वर्ष 2023-2024 में भारत से लहसुन का निर्यात रिकॉर्ड स्तर पर रहा। सबसे बड़े उत्पादक चीन से आपूर्ति में कमी के कारण वैश्विक स्तर पर लहसुन की कमी के कारण भारत से लहसुन का निर्यात बढ़ रहा है। वैश्विक लहसुन उत्पादन में चीन की हिस्सेदारी 75 प्रतिशत है जो 23 मिलियन टन से अधिक है। भारत दूसरे स्थान पर है। हालांकि इसका उत्पादन 3.3 मिलियन टन से बहुत कम है। वित्त वर्ष 23 में चीन में लहसुन के उत्पादन में कमी के कारण भारत से लहसुन का रिकॉर्ड निर्यात हुआ। लेकिन चालू वर्ष में निर्यात और भी बेहतर हो रहा है और इसके नए शिखर पर पहुंचने की संभावना है।
मसाला बोर्ड के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार अप्रैल-सितंबर 2023-24 की अवधि के लिए 277 करोड़ रुपए मूल्य के 56,823 टन निर्यात पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में मात्रा के मामले में 110 प्रतिशत अधिक और मूल्य के मामले में 129 प्रतिशत अधिक है। वित्त वर्ष 23 में लहसुन का निर्यात 57,346 टन के नए उच्च स्तर पर पहुंच गया था जिसकी कीमत 246 करोड़ रुपए थी। वित्त वर्ष 23 में मात्रा में 159 प्रतिशत और साल-दर-साल मूल्य में 32 प्रतिशत की वृद्धि हुई। वित्त वर्ष 2023- 24 में पहली बार ऐसा हुआ था जब भारत से लहसुन का निर्यात 50,000 टन के आंकड़े को पार कर गया था। पिछला उच्च स्तर 2017-18 में 47,000 टन था।