करनाल (हरियाणा)। पूरा उत्तर भारत कड़ाके की ठंड़ की चपेट में है। मौसम विभाग ने 24 जनवरी तक के लिए शीतलहर के लिए अलर्ट जारी किया है। ये बदला मौसम कई फसलों के लिए भी नुकसानदायक है। भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान ने चालू रबी सीजन 2023-24 में आगामी दिनों में वर्षा और तापमान पूर्वानुमान के संबंध में एडवाइजरी जारी की है। ये एडवाइजरी गेहूं शोधकर्ताओं और आईएमडी से मिले इनपुट के आधार पर है।
कब और कितनी मात्रा में डालें उर्वरक
एडवाइजरी में बताया गया है किसानो को नाइट्रोजन का छिड़काव बुआई के 40-45 दिनो में क्र लेना चाहिए। फसल के बेहतर परिणामों के लिए के लिए यूरिया सिंचाई से पहले डालें।
देर से बोई गई फसलों में खरपतवार प्रबंधन
जिन किसानों ने गेहूं की बुवाई देर में की है यदि उनके खेत में संकरी और चौड़ी पत्ती वाले दोनों तरह के खरपतवार हैं तो पहली सिंचाई से पहले या सिंचाई के 10-15 दिन बाद 120-150 लीटर पानी में सल्फोसल्फ्यूरॉन 75 डब्ल्यूजी 13.5 ग्राम प्रति एकड़ या सल्फोसल्फ्यूरॉन मेटसल्फ्यूरॉन 16 ग्राम प्रति एकड़ की दर से 120-150 लीटर पानी में में मिलाकर छिड़काव करें।

पीला रतुआ रोग सम्बंधी एडवाइजरी
रतुआ रोग के प्रसार को रोकने के लिए संक्रमण क्षेत्र पर प्रोपीकोनाज़ोल 25 ईसी @ 0.1 प्रतिशत या टेबुकोनाजोल 50% + ट्राइफ्लोक्सीस्ट्रोबिन 25% डब्ल्यूजी @ 0.06% का एक स्प्रे फसल पर करना चाहिए।
किसानों को इस बात का विशेष रखना चाहिए कि एक लीटर पानी में एक मिलीलीटर रसायन मिलाना है। इसी प्रकार एक एकड़ गेहूं की फसल में 200 मिलीलीटर कवकनाशी को 200 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करना चाहिए।
अगेती बोई गए गेहूं को गिरने से कैसे बचाएं
जिन किसानों ने अगेती बुआई वाले गेहूं पर पहला छिड़काव नहीं किया है वे बुआई के 70-80 दिन बाद केवल एक ही छिड़काव कर सकते हैं। पाला प्रबंधन के लिए आईएमडी के पूर्वानुमान का ध्यान रखते हुए गेहूं की फसल में हल्की सिंचाई की सलाह दी जाती है।

गुलाबी बेधक हेतु एडवाइजरी
गुलाबी छेदक का हमला उन क्षेत्रों में देखा गया है जहां विशेष रूप से धान, मक्का, कपास, गन्ना उगाया जाता है। गेहूं की फसल को मुख्यतः इल्लियों द्वारा क्षति होती है। कैटरपिलर तने में प्रवेश करता है और ऊतकों को खाता है। इससे फसल की प्रारंभिक अवस्था में तने में डेड हार्ट बन जाते हैं। प्रभावित पौधे पीले पड़ जाते हैं और आसानी से उखड़े जा सकते हैं।
कीट प्रबंधन सम्बन्धी एडवाइजरी
- संक्रमित कल्लों को हाथ से उखाड़कर फेक देना चाहिए और उन्हें नष्ट कर देने से छेदक को काफी नियंत्रित किया जा सकता है।
- फसल को संक्रमण से बचने के लिए नाइट्रोजन उर्वरकों एक ही बार में न डालें बल्कि कुछ समय के अंतराल पर डालें।
- यदि प्रकोप अधिक हो तो 1000 मिलीलीटर क्विनालफॉस 25% इसी को 500 लीटर पानी में प्रति हेक्टेयर मिलाकर छिड़काव करें।
16-30 जनवरी 2024 तक मौसम की स्थिति
भारत के उत्तर-पूर्व और मध्य इलाकों में बारिश का अनुमान है। आईएमडी से प्राप्त पूर्वानुमान के मुताबिक आने वाले सप्ताह में तापमान सामान्य से नीचे जाने की उम्मीद है।