महाराष्ट्र में अगस्त की ज्यादा बारिश से करीब 8 लाख हेक्टेयर फसलें बर्बाद हो गईं, जिनमें मराठवाड़ा, विदर्भ, पश्चिमी और उत्तर महाराष्ट्र सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। नांदेड और वाशीम जिले में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। कपास, सोयाबीन, तुर, मक्का और अनार की फसलें बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। किसानों का कहना है कि नुकसान का सही आकलन नहीं हुआ और पिछली बीमा राशि भी अब तक नहीं मिली। सरकार ने सर्वे कर मुआवजा देने का आश्वासन दिया है।
महाराष्ट्र में अगस्त महीने की ज्यादा बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, राज्य के 187 तहसील और 654 गांवों में करीब 8 लाख हेक्टेयर फसलें बर्बाद हो गई हैं। सबसे ज्यादा नुकसान मराठवाड़ा, विदर्भ, पश्चिमी और उत्तर महाराष्ट्र के किसानों को झेलना पड़ा है।
इन जिलों में ज़्यादा नुकसान
सबसे बुरी तरह प्रभावित ज़िलों में नांदेड (2.85 लाख हेक्टेयर) और वाशीम (1.64 लाख हेक्टेयर) हैं, जबकि यवतमाल (92,000 हेक्टेयर) और बुलढाणा (89,000 हेक्टेयर) में भी भारी नुकसान हुआ है।
ये फसलें सबसे अधिक प्रभावित
यह बारिश उस समय हुई जब खरीफ की प्रमुख फसलें जैसे कपास और सोयाबीन अहम चरण में थीं। 39 लाख हेक्टेयर में बोई गई कपास फूल आने के दौर में थी और 50 लाख हेक्टेयर में बोई गई सोयाबीन पानी भरने से खराब हो गई। तुर (अरहर), मक्का और अनार के बागानों को भी काफी नुकसान हुआ है। सिर्फ अनार ही नहीं, उत्तर महाराष्ट्र की उड़द की फसल भी बर्बाद हो गई है।
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मुआवजे को लेकर किसान परेशान
रिपोर्ट के मुताबिक किसानों का आरोप है कि सरकारी अधिकारी उनके खेतों में नुकसान का सही आकलन करने नहीं पहुंचे, और पिछली बार के बीमा दावे भी अभी तक नहीं मिले हैं। इस बार हुए नए नुकसान के बाद वे मुआवजे को लेकर और भी परेशान हैं।
सर्वे जल्द पूरा करने के दिए निर्देश
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आश्वासन दिया है कि सरकार सभी प्रभावित किसानों की मदद करेगी। वहीं, उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कृषि विभाग को सर्वे जल्द पूरा करने के निर्देश दिए हैं। इधर, महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने सरकार से राज्य को “wet drought” घोषित करने और प्रभावित किसानों को प्रति हेक्टेयर ₹50,000 की मदद देने की मांग की है।
ये देखें –
पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।