बिहार सरकार खरीफ मक्का का रकबा बढ़ाने के लिए खरीफ मक्के की बीज पर दे रही है सब्सिडी, इसके साथ ही खेती से जुड़ी और खबरें पढ़ें

दिनभर की खेती किसानी से जुड़ी खबरों की न्यूज पोटली में आपका स्वागत है। चलिए देखते हैं आज की पोटली में किसानों के लिए क्या क्या नया है।


1.
हरियाणा सरकार राज्य के किसानों और खेतीहर मज़दूरों के लिये चला रहीमुख्यमंत्री किसान एवं खेतीहर मजदूर जीवन सुरक्षा योजनाके तय उम्र सीमा में बदलाव किए हैं।
हरियाणा सरकार की तरफ से जारी बयान में कहा गया है किअब 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चे और 65 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्ति भी इस योजना का लाभ ले सकते हैं। जो की पहले नहीं था।
आपको बता दें कि इस योजना के तहत किसान या मजदूर की मौत होने पर आर्थिक सहायता के तौर पर पांच लाख रुपये दिए जाते हैं जबकि स्थायी रूप से अपंग होने पर एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है और आंशिक रूप से अपंग होने पर 10,000 से 40,000 हजार रुपये तक की आर्थिक सहायता पीड़ित को दिया जाता है।

 



2.NDDB(National dairy development board), suzuki
और IDMC लिमिटेड ने साथ मिलकर एक मोबाइल मिल्क कलेक्शन और कूलिंग सिस्टम प्रोटोटाइप वाहन तैयार किया है।

इसके ज़रिये पशुपालको के दरवाजे पर स्वचालित परीक्षण की सुविधा मिल सकेगी जो निष्पक्ष और पारदर्शी दूध संग्रह को आसान बनाने का काम करेंगी साथ ही दूध की गुणवत्ता भी बनाए रखेगी। इसके कूलिंग सिस्टम द्वारा दूध की शेल्फलाइफ को बढ़ाने में मदद मिलेगी जिससे दूरदराज के इलाकों में रहने वाले चरवाहों के लिए एक सुनियोजित दूध ख़रीदना आसान हो जाएगा।

देश में इस सेवा को शुरुआत पहली बार लद्दाख में किया जाएगा।



3.
बिहार सरकार खरीफ मक्का का रकबा बढ़ाने के लिए खरीफ मक्के की बीज पर सब्सिडी दे रही है।

 

वर्तमान में मक्के की 8 किस्मों पर सब्सिडी दी जा रही है। किसान अपने मर्जी के अनुसार किसी भी किस्म के मक्के का बीज अनुदान पर खरीद सकते हैं। विभिन्न फसलों का चयनित राजस्व ग्राम में 25 एकड़ का कलस्टर बनाया जाएगा। इसके लिए किसानों को मक्के की हाईब्रिड बीज दिए जाएंगे।
एक्सपर्ट का कहना है कि ये हाईब्रिड बीज तीन महीने में ही तैयार हो जाएंगे। यानी इसके बाद आप फसल की कटाई कर सकते हैं।खास बात यह है कि मक्के की खेती जैविक विधि से करने की बात कही गई है।



और अब किसानों से लिए सबसे उपयोगी मौसम की जानाकरी

4. मौसम अपडेट:

IMD
ने  उत्तर प्रदेश में 8-10 जून तक भीषण लू की स्थिति का  अलर्ट जारी किया है।जबकि मध्य प्रदेश, झारखंड, पंजाब, हरियाणा, बिहार और ओडिशा में 10 जून तक लू की स्थिति बने रहनें का अनुमान जताया है।

पूर्वानुमान के अनुसार, 7 जून यानी आज उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और झारखंड में लू की स्थिति बनी रहेगी।

वहीं दूसरी ओर मौसम विभाग  ने 10 जून तक गोवा, कर्नाटक, महाराष्ट्र, असम, मेघालय, पश्चिम बंगाल और सिक्किम में भारी बारिश की भविष्यवाणी की है।
IMD
के अनुसार केरल में 9 जून तक और तमिलनाडु, पुडुचेरी में 7 जून को, आंध्र प्रदेश में 9-10 जून को और तेलंगाना में 10 जून को भारी बारिश होने की संभावना है।

मौसम विभाग ने 7 जून को राजस्थान में ओलावृष्टि और 50 से 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तूफानी हवाएं चलने की भी संभावना जताई है।

मानसून की बात करें तो ताजा अपडेट के मुताबिक दक्षिणपश्चिम मॉनसून कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में दस्तक दे चुका है।और अगले 2-3 दिनों में छत्तीसगढ़ और ओडिशा में आगे बढ़ने की उम्मीद है।


और आखिर में न्यूज पोटली की ज्ञान पोटली


आने वाले महीनों में धान की बुवाई शुरू हो होगी ऐसे में किसान धान की बीज की ख़रीद में लग गये होंगे, मार्केट से आप सही बीज ला रहे हैं या नहीं ये जानना बहुत ज़रूरी हो जाता है क्योंकि मिट्टी की उर्वरकता, खाद, पानी के अलावा फसल की उत्पादकता बीज पर ही निर्भर करती है।
भारत में इसका महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है, क्योंकि फसलों की जरूरत के हिसाब से सबसे अच्छी जलवायु होने के बावजूद भी लगभग सभी फसलों का औसत उत्पादन विकसित देशों की तुलना में कम है।
पूरे देश के बाजारों में नकली बीज धड़ल्ले से बिक रहा है। इसलिए किसानों को बीज और खाद खरीदते समय अधिकतम सावधानी बरतनी चाहिए।
विशेषज्ञों का कहना है कि अच्छे उत्पादन के लिए किसान को बुवाई से पहले बीज अंकुरण जांच जरूर करानी चाहिए। जांच में अगर 80 से 90 फीसदी बीज अंकुरित होते हैं तो बीज को बेहतर माना जाता है। 60-70 फीसदी अंकुरण होने पर बीज दर बढ़ाई जा सकती है। उस बीज का बिलकुल भी इस्तेमाल ना करें जो 60 फीसदी से कम अंकुरित हो।
किसान बीज प्रमाणीकरण प्रयोगशाला में बीज की अंकुरण क्षमता की जांच निशुल्क करा सकता है। प्रयोगशाला में नमूना जमा कराने के एक सप्ताह बाद किसान को रिपोर्ट सौंप दी जाती है, जिसमें किसानों को उपज की अंकुरण क्षमता और गुणवत्ता की अधिकृत रिपोर्ट दी जाती है।

 

खेती किसानी की रोचक जानकारी और जरुरी मुद्दों, नई तकनीक, नई मशीनों की जानकारी के लिए देखते रहिए न्यूज पोटली।

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