MSP लागू करवाने के लिए राजस्थान के 45,537 गांव बंद

MSP की मांग को लेकर देशभर में अलग-अलग जगहों पर किसान अपने-अपने तरीके से प्रदर्शन कर रहे हैं। राजधानी दिल्ली में जहां MSP की मांग को लेकर जगजीत सिंह डल्लेवाल पिछले 65 दिनों से आमरण अनशन पर हैं, वहीं दूसरी तरफ आज राजस्थान के करीब 45,537 गांवों में भी लोग MSP की मांग कर रहे हैं। टोंक जिले के 1120 गांवों में तो बंद का ऐलान किया गया है। इन गांवों से किसानों ने शहरों में दूध, फल-सब्जियां नहीं भेजी हैं।

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प्रदेश के किसानों ने इस आंदोलन को ‘हर खेत को पानी और हर फसल को दाम’ का नारा दिया है। टोंक के इन गांवों को 35 जिलों के किसानों का समर्थन भी मिल रहा है। आपको बता दें कि सबसे पहले पंजाब के किसानों ने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन शुरू किया। धीरे-धीरे देश के दूसरे राज्यों से भी पंजाब के किसानों को समर्थन मिला।

न्यूज पोटली से बात करते हुए राजस्थान के किसान नेता अमर पाल जाट ने कहा कि अगर इस आंदोलन के बाद सरकार MSP लागू करने को लेकर कोई पहल नहीं करती है, तो हम बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे। हमने एक दिवसीय गांव बंद का ऐलान किया है। आज गांव का कोई भी सामान शहरों में नहीं भेजा जा रहा है।

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MSP क्या है?


MSP के तहत सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य, वह न्यूनतम दर है जिस पर सरकारी एजेंसियां किसानों से फसलें खरीदती हैं। किसान न्यूनतम दर पर खरीदी न होने के कारण नुकसान का भी सामना करते हैं। इसलिए पिछले लंबे समय से किसान MSP के तहत फसल को खरीदने की मांग कर रहे हैं।

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