शाहजहांपुर। गन्ना शोध परिषद में आज, 16 जनवरी 2025 को बिहार के जनपद गोपालगंज, नरकटियागंज, सिंधवलिया, मझवलिया, हरीनगर, बगहा, सुगौली एवं लौरिया की आठ चीनी मिलों के 40 किसानों के दल ने ’’गन्ना एवं चीनी उत्पादन में सार्थक वृद्धि’’ विषयक पर होने वाले पाँच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
गन्ना एवं चीनी उत्पादन में सार्थक वृद्धि विषयक पर हुए कार्यक्रम का शुभारंभ गन्ना शोध परिषद, शाहजहाँपुर के प्रभारी अधिकारी डा. अजय कुमार तिवारी ने किया और सभी किसानों का स्वागत करते हुए कहा कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम आपके लिए उपयोगी साबित होगा। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण में व्याख्यान के साथ-साथ प्रायोगिक जानकारी भी दी जाएगी। शोध प्रक्षेत्र पर विभिन्न किस्मों को दिखाने के साथ-साथ उनकी बुवाई की विधि एवं कृषि यंत्रों के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।शोध प्रक्षेत्र पर विभिन्न किस्मों को दिखाने के साथ-साथ उनकी बुवाई की विधि एवं कृषि यन्त्रों के बारे में भी जानकारी दी जायेगी।

सेवरही संस्थान के संयुक्त निदेशक डा. सुभाष सिंह आनलाइन जुड़कर कृषकों से रूबरू होते हुए उन्होंने अपने सम्बोधन में किसानों को कम शब्दों में ही गन्ना खेती के सभी पहलुओं पर चर्चा करते हुए जानकारी दी। उन्होंने किसानों से आवाह्न किया कि आप सभी पाँच दिवसीय प्रशिक्षण में जो भी ज्ञान प्राप्त करें, उसे अपने खेत में स्वयं अपनायें एवं अपने आसपास के अन्य कृषकों को भी प्राप्त ज्ञान से लाभान्वित करें। डा. अनिल सिंह ने कहा कि सभी कृषकों को अपनी उपज के साथ-साथ बोई गयी फसल की लागत पर भी ध्यान देना चाहिए तब ही आप अपनी बोई गई फसल से लाभान्वित हो सकेंगे। उन्होंने किसानों को गन्ना उत्पादन में सुधार लाने के लिए वैज्ञानिक तरीके अपनाने की सलाह दी और उन्हें अपने-अपने क्षेत्रों में इन नई तकनीकों को लागू करने की प्रेरणा दी।
उद्घाटन सत्र में प्रसार अधिकारी डा. संजीव पाठक ने सभी किसानों का स्वागत करते हुये, गन्ना शोध परिषद का संक्षिप्त इतिहास बताया। यहाँ के वैज्ञानिकों द्वारा गन्ना खेती के सभी पहलूओं पर विस्तृत चर्चा कर सैद्धान्तिक एवं प्रायोगिक जानकारी दी जायेगी। गन्ना किसानों का यह प्रशिक्षण कार्यक्रम उनकी कृषि उत्पादकता में वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा, जिससे राज्य में गन्ना उत्पादन को और अधिक बढ़ावा मिलेगा। टीम का नेतृत्व उप निदेशक ईख विकास, मोतिहारी (बिहार) के श्री विनय सिंह कर रहे हैं।

तकनीकी सत्र में गन्ने की नवीन किस्मों के बारे में डा. मनीष मोहन ने, गन्ना उत्पादन की शस्य तकनीकी के बारे में डा. एस.पी. यादव नेे तथा गन्ने में लगने वाले प्रमुख कीटों की पहचान एवं नियन्त्रण के बारे में श्रीमती नीलम कुरील ने जानकारी दी।
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