खरीद लाभ प्राप्त करने के लिए किसान ई-समृद्धि पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन, खेती किसानी से जुड़ी और खबरें पढ़ें

दिनभर की खेती किसानी से जुड़ी खबरों की न्यूज पोटली में आपका स्वागत है। चलिए देखते हैं आज की पोटली में किसानों के लिए क्या क्या नया है।

1.केंद्र सरकार लगातार बढ़ रहे दाल की कीमतें को कम करने के लिए तुअर, चना पर स्टॉक सीमा लगाई दी है।
भारत ने सूखे और गर्मी की लहर की वजहों से कम सप्लाई के कारण बढ़ी हुई खाद्य लागत के बीच कीमतों को स्थिर करने और जमाखोरी को रोकने के लिये अरहर और चना पर स्टॉक सीमा लगा दी है। सीमाएँ व्यापारियों, व्यवसायों और खुदरा विक्रेताओं पर लागू होती हैं, जिनमें थोक विक्रेताओं के लिए 200 मीट्रिक टन और खुदरा विक्रेताओं के लिए पाँच मीट्रिक टन जैसी विशिष्ट सीमाएँ हैं। जबकि मिलर्स या तो उत्पादन के अंतिम तीन महीनों या वार्षिक क्षमता के 25% तक ही स्टॉक रख सकते हैं।


2.केंद्र सरकार ने प्याज के मूल्य को स्थिर रखने के लिए बफर स्टॉक में 71,000 टन प्याज खरीदा है जबकि उम्मीद है कि सामान्य मानसून से खुदरा कीमतें कम होंगी।
भारत सरकार  ने प्याज के मूल्य को स्थिर रखने के लिए 5 लाख टन खरीद के कुल लक्ष्य में से, बफर स्टॉक के लिए इस वर्ष अब तक लगभग 71,000 टन प्याज खरीदा है और उसे उम्मीद है कि देश के अधिकांश हिस्सों में मानसून की प्रगति के साथ खुदरा कीमतें कम हो जाएंगी। उपभोक्ता मामलों के विभाग द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, शुक्रवार को अखिल भारतीय औसत प्याज की खुदरा कीमत 38.67 रुपये प्रति किलोग्राम थी, जबकि मॉडल कीमत 40 रुपये प्रति किलोग्राम थी।


3.कृषि मंत्री ने राज्यों से किसानों को खरीद लाभ प्राप्त करने के लिए ई-समृद्धि पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करने के लिए प्रोत्साहित करने को कहा है।

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री, शिवराज सिंह चौहान ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर अरहर, उड़द और मसूर जैसी प्रमुख दालों की खरीद के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। उन्होंने राज्य सरकारों से सुनिश्चित खरीद के लिए ई-समृद्धि पोर्टल पर किसान रजिस्ट्रेशन को बढ़ावा देने का आग्रह किया। NAFED के माध्यम से लॉन्च किया गया पोर्टल, किसानों को MSP लाभ प्राप्त करने के लिए रजिस्ट्रेशन की सुविधा प्रदान करता है।


और अब किसानों से लिए सबसे उपयोगी मौसम की जानाकरी

मौसम अपडेट:
मौसम विभाग के अनुसार पूरे भारत में इस वक्त तापमान सामान्य के करीब बना हुआ है। जबकि उत्तर पश्चिमी भारत के पंजाब, उत्तरी राजस्थान और जम्मू कश्मीर के पहाड़ी इलाकों में तापमान सामान्य से 2 से 4 डिग्री सेल्सियस तक कम दर्ज किया जा रहा है।
IMD के अनुसार आने वाले दो से चार दिनों तक तापमान में कोई खास परिवर्तन देखने के लिए नहीं मिलेगा। 
मौसम विभाग ने केरल, तटीय और दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक, कोंकण-गोवा और मध्य महाराष्ट्र में अगले चार से पांच दिनों के दौरान भारी से भारी होने की संभावना जताई है। इस दौरान एक दो जगहों पर अत्यधिक भारी बारिश भी देखने के लिए मिल सकती है। इसे लेकर रेड अलर्ट जारी किया गया है।


और आखिर में न्यूज पोटली की ज्ञान पोटली

Millets क्या है?
मिलेट्स एक प्रकार के अनाज होते हैं जो कि गेहूं, चावल, और जौ के समान होते हैं, लेकिन इनमें अन्य  अनाजों के मुकाबले अधिक पोषण और स्वास्थ्य लाभ होते हैं। विशेष रूप से भारतीय उपमहाद्वीप में मिलेट्स की कृषि बड़े पैमाने पर की जाती है।
मौसम विभाग ने केरल, तटीय और दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक, कोंकण-गोवा और मध्य महाराष्ट्र में अगले चार से पांच दिनों के दौरान भारी से भारी होने की संभावना जताई है। इस दौरान एक दो जगहों पर अत्यधिक भारी बारिश भी देखने के लिए मिल सकती है। इसे लेकर रेड अलर्ट जारी किया गया है।

और आखिर में न्यूज पोटली की ज्ञान पोटली

Millets क्या है?
मिलेट्स एक प्रकार के अनाज होते हैं जो कि गेहूं, चावल, और जौ के समान होते हैं, लेकिन इनमें अन्य  अनाजों के मुकाबले अधिक पोषण और स्वास्थ्य लाभ होते हैं। विशेष रूप से भारतीय उपमहाद्वीप में मिलेट्स की कृषि बड़े पैमाने पर की जाती है।

Millets के प्रकार 

1. ज्वार (Sorghum): ज्वार भारत में एक पॉपुलर मिलेट्स है और इसे अक्सर रोटी, डोसा, और चावल के रूप में खाया जाता है। यह फाइबर और प्रोटीन का अच्छा स्रोत होता है और यह ग्लूटन-फ्री होता है, जिससे ग्लूटन अलर्जी वाले लोग भी इसे सेवन कर सकते हैं।

2. बाजरा (Pearl Millet): बाजरा उत्तर भारत में बड़े पैमाने पर खेती किया जाता है और यह विटामिन बी, फोलेट, और एंटीऑक्सीडेंट्स का अच्छा स्रोत होता है।

3. रागी (Finger Millet): रागी को ‘मंडुआ’ या ‘नाचनी’ के नाम से भी जाना जाता है और यह उच्च प्रोटीन और कैल्शियम का स्रोत होता है। यह खासतर साउथ इंडिया में पसंद किया जाता है और दोसा, इडली, और रोटी के रूप में बनाया जाता है।

4. कोरा (Foxtail Millet): कोरा अच्छी तरह से पाचनीय होता है और यह फाइबर और विटामिन्स का अच्छा स्रोत होता है। यह स्वादिष्ट पुलाव और उपमा के रूप में खाया जा सकता है।

5. बरगर (Proso Millet): इसे भी व्यापकता से खाया जा सकता है और यह विटामिन्स, मिनरल्स, और प्रोटीन का अच्छा स्रोत होता है।
स्वास्थ्य लाभ की बात करें तो Millets पौष्टिक होता है, इसको खाने से वजननियंत्रणमेंरहताहै, ये दिल के स्वास्थ्य के लिये लाभदायक होता है और इसे डायबिटीज़ प्रबंधन और कैंसर प्रतिरोधक के लिये भी खाया जाता है।
मिलेट्स को बनाने के लिए आप उन्हें पानी में भिगोकर बिना खिलाने भी प्रिपेयर कर सकते हैं, जैसे कि दल, पुलाव, और खिचड़ी के रूप में। आप इन्हें रोटी, डोसा, और अन्य विभिन्न डिशेस में भी शामिल कर सकते हैं।


खेती किसानी की रोचक जानकारी और जरुरी मुद्दों, नई तकनीक, नई मशीनों की जानकारी के लिए देखते रहिए न्यूज पोटली।

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