गेहूं में ज्यादा पैदावार चाहिए?

गेहूं में ज्यादा पैदावार चाहिए? तो अपनाइए बुवाई का ये तरीका

गेहूं की पैदावार बढ़ाने के लिए किसानों को बीज हाथ से बिखेरने के बजाय कतारों में बुवाई करनी चाहिए। इससे बीज और खाद बराबर मात्रा में मिट्टी में जाते हैं, पौधों को पर्याप्त धूप, पानी और पोषण मिलता है, और फसल स्वस्थ रहती है।

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रबी सीजन में गन्ने की खेती

रबी सीजन में गन्ने की खेती का सही समय क्या है? जानिए कृषि वैज्ञानिकों की सलाह

कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार, गन्ने की बुवाई का सही समय 15 नवंबर तक है। इसके बाद ठंड बढ़ने से अंकुरण कम होता है।हर 12–15 दिन में सिंचाई करें और 25–30 दिन बाद निराई-गुड़ाई जरूर करें।बेहतर पैदावार के लिए Co 0232, Co 0233, संकेश्वर 049 जैसी उन्नत किस्में अपनाएं।खेत में गोबर खाद + ट्राइकोडर्मा और NPK (300:100:200) का प्रयोग करें।

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सरकार ने बढ़ाया अमोनियम सल्फेट का उपयोग

यूरिया पर निर्भरता घटाने की तैयारी, सरकार ने बढ़ाया अमोनियम सल्फेट का उपयोग

सरकार ने रबी सीजन 2025-26 से अमोनियम सल्फेट को यूरिया का बेहतर विकल्प बनाकर सब्सिडी योजना (NBS) में शामिल किया है। अब किसानों को इस खाद पर ₹9,479 प्रति टन की सब्सिडी मिलेगी, जिससे इसकी कीमत घटकर लगभग ₹700 प्रति बोरा रह जाएगी।विशेषज्ञों के अनुसार, अमोनियम सल्फेट मिट्टी के लिए यूरिया से ज्यादा फायदेमंद है क्योंकि यह धीरे-धीरे नाइट्रोजन छोड़ता है और सल्फर की पूर्ति करता है।

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पूसा डबल जीरो मस्टर्ड 35

पूसा डबल जीरो मस्टर्ड 35: सरसों की खेती में नई क्रांति

ICAR-IARI ने सरसों की नई किस्म पूसा डबल जीरो मस्टर्ड 35 (PDZ 14) विकसित की है, जो चार प्रमुख रोगों से सुरक्षित है और 132 दिनों में तैयार होकर 21.48 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उपज देती है। इसे उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तराखंड के लिए मंजूरी मिली है।

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देशभर में मक्का के दाम गिरे

देशभर में मक्का के दाम गिरे, जानिए क्या है वजह?

देशभर में मक्का के दाम MSP ₹2,400 से नीचे चल रहे हैं। वजह है नई फसल की ज्यादा आवक, रिकॉर्ड उत्पादन और एथनॉल-पोल्ट्री फीड सेक्टर से घटती मांग। महाराष्ट्र में दाम ₹950 तक गिर गए हैं। तेलंगाना सरकार ने MSP पर 8 लाख टन मक्का खरीद शुरू की है। विशेषज्ञों के मुताबिक, फीड इंडस्ट्री की बढ़ती मांग से जल्द दामों में सुधार हो सकता है।

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31 दिसंबर तक कराएं फसल बीमा

हरियाणा सरकार ने बढ़ाया किसानों का मुआवजा, 31 दिसंबर तक कराएं फसल बीमा

हरियाणा में रबी सीजन की फसलों के लिए फसल बीमा की आखिरी तारीख 31 दिसंबर 2025 तय की गई है। इस बार किसानों को 5% ज्यादा मुआवजा मिलेगा। योजना में गेहूं, सरसों, जौ, चना, सूरजमुखी और मूंग शामिल हैं। किसान फसल मूल्य का 1.5% प्रीमियम देकर बीमा करा सकते हैं। पट्टे पर खेती करने वाले किसान भी इसका लाभ ले सकेंगे।

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छत्तीसगढ़ से निकली पोषण वाली पहली चावल खेप

छत्तीसगढ़ से निकली पोषण वाली पहली चावल खेप, कोस्टा रिका को निर्यात

छत्तीसगढ़ से 12 मीट्रिक टन फोर्टिफाइड राइस कर्नेल (FRK) की पहली खेप कोस्टा रिका भेजी गई है। यह निर्यात एपीडा (APEDA) के तहत किया गया, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “कुपोषण मुक्त भारत” अभियान से जुड़ा कदम है।यह भारत की कृषि तकनीक और गुणवत्ता में प्रगति का प्रतीक है, जिससे किसानों और निर्यातकों को नए विदेशी बाजार और बेहतर दाम मिलने के अवसर बढ़ेंगे।

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ISMA की रिपोर्ट

ISMA की रिपोर्ट: इस बार 18% ज्यादा होगी चीनी की पैदावार

इस साल देश में चीनी उत्पादन में बड़ी बढ़ोतरी की उम्मीद है। ISMA की रिपोर्ट के अनुसार, 2025-26 सीजन में शुद्ध चीनी उत्पादन 18.5% बढ़कर 30.95 मिलियन टन तक पहुंच सकता है। महाराष्ट्र में 39%, कर्नाटक में 16%, और उत्तर प्रदेश में हल्की बढ़ोतरी की संभावना है।बेहतर बारिश, बढ़े हुए क्षेत्रफल और हाईटेक खेती की वजह से उत्पादन में सुधार हुआ है।

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यूपी में गन्ना पेराई सत्र शुरू

यूपी में गन्ना पेराई सत्र शुरू, किसानों को जल्द भुगतान का आदेश

उत्तर प्रदेश में गन्ना पेराई सत्र 2025-26 शुरू हो गया है। राज्य की 21 चीनी मिलों ने काम शुरू कर दिया है, जिससे किसानों को गेहूं की बुवाई के लिए खेत खाली करने में राहत मिलेगी। कुल 122 में से 53 मिलों ने गन्ना खरीद के लिए मांग पत्र जारी किया है। सरकार ने मिलों को निर्देश दिए हैं कि किसानों को गन्ने का भुगतान समय पर किया जाए।

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पंजाब-हरियाणा में सबसे ज्यादा आवक

धान की सरकारी खरीद ने तोड़ा रिकॉर्ड, पंजाब-हरियाणा में सबसे ज्यादा आवक

देशभर में धान की सरकारी खरीद इस बार रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। अक्टूबर के अंत तक भारतीय खाद्य निगम (FCI) ने 119 लाख टन से ज़्यादा धान खरीदा, जो पिछले साल की तुलना में काफ़ी ज्यादा है।सबसे ज़्यादा खरीद पंजाब और हरियाणा में हुई है। पंजाब में 49% और हरियाणा में 22% की बढ़ोतरी दर्ज की गई। तमिलनाडु, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और तेलंगाना ने भी अच्छी भागीदारी दी है।
सरकार ने इस सीजन के लिए 463.49 लाख टन धान खरीदने का लक्ष्य रखा है।

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