मराठवाड़ा और विदर्भ में सबसे ज्यादा नुकसान

महाराष्ट्र में बारिश से 8 लाख हेक्टेयर फसल बर्बाद, मराठवाड़ा और विदर्भ में सबसे ज्यादा नुकसान

महाराष्ट्र में अगस्त की ज्यादा बारिश से करीब 8 लाख हेक्टेयर फसलें बर्बाद हो गईं, जिनमें मराठवाड़ा, विदर्भ, पश्चिमी और उत्तर महाराष्ट्र सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। नांदेड और वाशीम जिले में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। कपास, सोयाबीन, तुर, मक्का और अनार की फसलें बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। किसानों का कहना है कि नुकसान का सही आकलन नहीं हुआ और पिछली बीमा राशि भी अब तक नहीं मिली। सरकार ने सर्वे कर मुआवजा देने का आश्वासन दिया है।

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गेहूं भंडारण

गेहूं भंडारण सीमा घटी, हर हफ्ते बताना होगा स्टॉक

सरकार ने गेहूं की भंडारण सीमा घटाई है ताकि दाम नियंत्रित रहें और जमाखोरी रोकी जा सके। अब खुदरा दुकानदार व बड़ी रिटेल चेन प्रति आउटलेट 8 टन, थोक व्यापारी 2,000 टन और आटा मिलें अपनी क्षमता के अनुसार ही स्टॉक रख पाएंगी। कारोबारियों को हर शुक्रवार ऑनलाइन स्टॉक बताना होगा, वरना कार्रवाई होगी। यह कदम त्योहारों से पहले कीमतें स्थिर रखने और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। यह नियम 31 मार्च 2026 तक लागू रहेगा।

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ड्यूटी-फ्री कपास आयात

भारत में ड्यूटी-फ्री कपास आयात की अवधि 31 दिसंबर 2025 तक बढ़ी

भारत सरकार ने कपास के ड्यूटी-फ्री आयात की समयसीमा 30 सितंबर से बढ़ाकर 31 दिसंबर 2025 कर दी है। इससे अक्टूबर-दिसंबर में आयात दोगुना होकर करीब 20 लाख गांठ होने की उम्मीद है। यह कदम टेक्सटाइल उद्योग को राहत देने के लिए है, क्योंकि घरेलू दाम अंतरराष्ट्रीय बाजार से लगभग 20% ज़्यादा हैं और अमेरिका ने भारतीय निर्यात पर 50% टैरिफ लगाया है। ब्राज़ील से आयात तेजी से बढ़ा है और इससे दक्षिण भारत की मिलों को सस्ती कपास मिलेगी।

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जय सिंह

आलू की खेती की मास्टरक्लास, जय सिंह की 40 साल की खेती का अनुभव

उत्तर प्रदेश के बहराइच ज़िले के प्रगतिशील किसान जय सिंह 40 साल से आलू और केले की खेती कर रहे हैं। वे खेत को तीन बार रोटावेटर से तैयार कर गोबर की खाद डालते हैं। उन्होंने बताया कि एक एकड़ में 12–15 क्विंटल बीज आलू (40–50 ग्राम) लगता है, जिसे उपचार के बाद बोया जाता है। पहली सिंचाई हल्की और बाद में पौधों की छतरी बनने पर पानी दिया जाता है। खाद में NPK, यूरिया, मैग्नीशियम और जिंक का संतुलन उनकी पैदावार को बेहतर बनाता है।

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बिहार कृषि विभाग

केले की फसल पर काला सिगाटोका रोग का खतरा, बिहार कृषि विभाग ने किसानों को दी अहम सलाह

बिहार सरकार ने किसानों को चेताया है कि केले की फसल में काला सिगाटोका नामक फफूंदजनित रोग तेज़ी से फैल रहा है। यह रोग पत्तियों पर काले धब्बे और धारियाँ बनाता है, जिससे फल समय से पहले पककर खराब हो जाते हैं और किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है। कृषि विभाग ने बचाव के लिए कॉपर ऑक्सीक्लोराइड 50% का छिड़काव करने की सलाह दी है। बिहार केले की खेती में अहम भूमिका निभाता है और हर साल लगभग 14.57 लाख टन उत्पादन करता है, जो देश के कुल उत्पादन का 4–5% है।

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कुल्लू-मनाली

लैंडस्लाइड में दबता विकास, कुल्लू-मनाली की बरसाती तबाही और उसका असर

अगस्त 2025 में भारी बारिश ने कुल्लू-मनाली घाटी में फिर से कहर बरपाया, जिससे सैकड़ों सड़कें और किरतपुर–मनाली फोरलेन जगह-जगह धंस गईं और कई दुकानें-घर ब्यास नदी में समा गए। पर्यटन पर गहरा असर पड़ा, वहीं किसानों की सेब और सब्ज़ियों की खेप मंडियों तक नहीं पहुँच पा रही है, जिससे करोड़ों का नुकसान होने की आशंका है। विशेषज्ञों का मानना है कि अवैज्ञानिक निर्माण, फोरलेन परियोजना में पहाड़ों की अंधाधुंध कटाई और जलवायु परिवर्तन ने आपदा की तीव्रता को और बढ़ाया है। यह स्थिति केवल प्राकृतिक आपदा नहीं बल्कि हिमालयी विकास मॉडल और पर्यावरणीय संतुलन को लेकर एक गंभीर चेतावनी है, जिस पर तत्काल और दीर्घकालिक रणनीति बनाने की ज़रूरत है।

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किसान सलाहकारों का मानदेय बढ़ा

बिहार सरकार का बड़ा फैसला, किसान सलाहकारों का बढ़ा मानदेय

बिहार के 7047 किसान सलाहकारों का मानदेय 13,000 रुपये से बढ़ाकर 21,000 रुपये प्रति माह कर दिया गया है। नई व्यवस्था 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह निर्णय लिया गया। किसान सलाहकार किसानों को बीज, खाद, पानी, फसल प्रबंधन और तकनीकी जानकारी देने का काम करते हैं। सरकार का मानना है कि इस फैसले से किसानों को बेहतर मार्गदर्शन मिलेगा और कृषि उत्पादन बढ़ेगा।

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गेहूं-चावल

गेहूं-चावल में आत्मनिर्भर भारत, अब दलहन-तिलहन पर फोकस

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ग्वालियर में आयोजित गेहूं और जौ अनुसंधान गोष्ठी में कहा कि भारत गेहूं-चावल उत्पादन में आत्मनिर्भर है, लेकिन खेती को लाभकारी बनाने के लिए लागत घटाना जरूरी है। उन्होंने दलहन-तिलहन की पैदावार बढ़ाने, बायोफोर्टिफाइड गेहूं विकसित करने और मिट्टी की सेहत सुधारने पर जोर दिया। छोटे किसानों के लिए एकीकृत खेती (खेती के साथ पशुपालन, मधुमक्खी पालन, मत्स्य पालन, बागवानी) को बेहतर विकल्प बताया। साथ ही, उन्होंने कहा कि सम्मेलन से निकले सुझावों को लागू कर खेती को और मजबूत बनाया जाएगा।

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न्यूनतम निर्यात कीमत

भारत सरकार ने घटाई शहद की न्यूनतम निर्यात कीमत

भारत सरकार ने प्राकृतिक शहद की न्यूनतम निर्यात कीमत (MEP) घटाकर 2,000 डॉलर से 1,400 डॉलर प्रति टन कर दी है, जो 31 दिसंबर 2025 तक लागू रहेगी। भारत से शहद मुख्य रूप से अमेरिका, यूएई, सऊदी अरब और कतर को निर्यात होता है। वित्त वर्ष 2023-24 में भारत ने शहद निर्यात से 177.52 मिलियन डॉलर कमाए। सरकार नेशनल बीकीपिंग एंड हनी मिशन (NBHM) के ज़रिए वैज्ञानिक मधुमक्खी पालन को बढ़ावा दे रही है।

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ब्लड बैंक और ट्रांसफ्यूजन

भारत में पहली बार जानवरों के लिए ब्लड बैंक और ट्रांसफ्यूजन गाइडलाइन जारी

भारत सरकार ने पहली बार जानवरों के लिए ब्लड ट्रांसफ्यूजन और ब्लड बैंक के राष्ट्रीय दिशानिर्देश जारी किए हैं। इसमें राज्य-नियंत्रित ब्लड बैंक, ब्लड टाइपिंग और क्रॉस-मैचिंग की अनिवार्यता, स्वैच्छिक दान, राष्ट्रीय ब्लड बैंक नेटवर्क और भविष्य के लिए मोबाइल ब्लड यूनिट जैसी व्यवस्थाएँ शामिल हैं। यह पहल पशु कल्याण, ग्रामीण आजीविका और वेटरनरी स्वास्थ्य सेवाओं को मज़बूती देगी।

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