दूध उत्पादन

पिछले 11 वर्षों में खाद्यान्न, बागवानी और दूध उत्पादन में लगातार वृद्धि, दलहन-तिलहन के उत्पादन बढ़ाने में रिसर्च की जरूरत

पिछले 11 वर्षों में खाद्यान्न, बागवानी और दूध उत्पादन में लगातार वृद्धि है। लेकिन दलहन और तिलहन में उत्पादन बढ़ाने की जरूरत है। इसके लिए वैज्ञानिक रिसर्च करें।आईसीएआर का 97वां स्थापना दिवस कार्यक्रम के संबोधन में केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के जरिए 500 शोध के विषय सामने आए हैं, जिन पर गंभीरता से काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि छोटी जोत के किसानों के लिए बड़ी नहीं, छोटी मशीनें बनाने का काम करेंगे। जबरन गैर उपयोगी कृषि उत्पाद बेचने वालों को भी फटकार लगायी।इस मौके पर मंत्री ने कहा कि वैज्ञानिक आधुनिक महर्षि हैं, खुद से ज्यादा दूसरों को महत्व देते हैं।

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केंद्र सरकार ने पीएम धन-धान्य कृषि योजना को दी मंजूरी, योजना का उद्देश्य और 100 जिलों के चयन का पैमाना समझिए

मोदी कैबिनेट ने 24000 करोड़ रुपये की लागत वाली पीएम धन-धान्य कृषि योजना को मंजूरी दे दी है। इस योजना में 36 योजनाओं को शामिल किया गया है, जिससे 1.7 करोड़ किसानों को लाभ मिलने की उम्मीद है। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसकी जानकारी दी।

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चीनी उत्पादन

भारत का चीनी उत्पादन 15 प्रतिशत तक बढ़ने की उम्मीद, जानिए क्या है कारण?

रेटिंग एजेंसी ICRA ने 2026 के लिए भारत के चीनी उत्पादन में 15% की वृद्धि का अनुमान लगाया है, जो महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे प्रमुख राज्यों में अनुकूल मानसून के कारण गन्ने की पैदावार में वृद्धि के कारण है। इस वृद्धि से चीनी कंपनियों के राजस्व में 6-8% की वृद्धि होने की संभावना है। हालाँकि चीनी की कीमतें स्थिर रहने की उम्मीद है।

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योगी सरकार का LPG के इस्तेमाल को 70% तक कम करना लक्ष्य, जानिए क्या है ग्राम ऊर्जा मॉडल?

ग्रामीण ऊर्जा मॉडल के जरिए उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्रामीण इलाकों में एलपीजी के उपयोग में 70 फीसदी की कमी लाने का लक्ष्य तय किया है।निजी गोशालाओं के निर्माण को भी बढ़ावा देगी यह योजना। योजना के तहत सरकार 43 चयनित गौशालाओं में बायोगैस और जैविक खाद संयंत्र स्थापित करने की भी योजना बना रही है। हर गौशाला से प्रति माह 50 क्विंटल तक गोबर का उत्पादन होने की उम्मीद है।

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वैज्ञानिक तरीके से प्रमाणित होने पर ही बायोस्टिमुलेंट को अनुमति दी जाएगी: केंद्रीय मंत्री चौहान

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने बायोस्टिमुलेंट की बिक्री पर महत्वपूर्ण बैठक की। उन्होंने बायोस्टिमुलेंट पर सख्त रवैया अपनाते हुए अधिकारियों से पारदर्शी रूप से काम करने को कहा। उन्होंने कहा कि किसान सर्वोपरि हैं, लापरवाही ना बरतें अफसर।किसानों के हित में आईसीएआर से बायोस्टिमुलेंट की उपयोगिता का परीक्षण को जरूरी बताते हुए मंत्री ने कहा कि वैज्ञानिक तरीके से प्रमाणित होने पर ही बायोस्टिमुलेंट को अनुमति दी जाएगी और संदेहास्पद बायोस्टिमुलेंट निर्माताओं के खिलाफ कार्रवाई होगी।

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SBI Report

डेयरी सेक्टर आयात के लिए खुला तो 1.03 लाख करोड़ का होगा नुकसान, 8 करोड़ किसान होंगे प्रभावित: SBI Report

कृषि और डेयरी सेक्टर पर सहमति नहीं बन पाने के कारण भारत और अमेरिका के बीच अभी तक ट्रेड डील नहीं हो पायी है। इस डील पर SBI ने एक रिपोर्ट जारी करते हुए कहा है कि अगर सरकार डेयरी सेक्टर को अमेरिकी आयात के लिए खोलती है तो इससे डेयरी किसानों का बहुत नुकसान होगा साथ में देश के जीडीपी में सेक्टर का योगदान भी कम हो जाएगा।

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बहुउपयोगी मोरिंगा की खेती से करोड़ों की कमाई, जानिए पोषक तत्वों से भरपूर सहजन की खेती कैसे होती है?

मोरिंगा एक बहुउपयोगी पौधा है। इसका फूल, फल और पत्तियों का भोजन के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। सहजन का छाल, पत्ती, बीज, गोंद, जड़ आदि से आयुर्वेदिक दवा तैयार किया जाता है, जो लगभग 300 से ज़्यादा बीमारियों के इलाज में काम आता है। सहजन के पौधा से गूदा निकालकर कपड़ा और कागज उद्योग के काम में इस्तेमाल किया जाता है। सहजन बिना किसी विशेष देखभाल और एक तरह से कम से कम लागत पर आमदनी देनी वाली फसल है।

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काली मिर्च की खेती

काली मिर्च की खेती कब, कहाँ और कैसे की जाती है? पूरा प्रॉसेस समझिए

भारत में काली मिर्च की खेती के लिए सबसे बेहतर जगह तो समुद्र के आसपास वाले राज्य हैं। भारत में काली मिर्च के उत्पादन का 98 प्रतिशत हिस्सा अकेले केरल और कर्नाटक में होता है। इसके बाद तमिलनाडु, महाराष्ट्र के कोंकण के साथ ही नॉर्थ ईस्ट के राज्यों में भी इसकी खेती की जाती है।

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खरीफ सीजन

अब तक 597.86 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में हुई बुवाई, धान का रकबा 11.84 लाख हेक्टेयर बढ़ा, जानिए दलहन, गन्ना, कपास, का हाल

सरकार ने चालू खरीफ सीजन 2025 की बुवाई का आंकड़ा जारी किया है। इसके मुताबिक अब तक 597.86 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में बुवाई हुई है। खरीफ सीजन में बुवाई का यह आंकड़ा पिछले साल की तुलना में 37 लाख हेक्टेयर ज्यादा है।

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मक्के

28 दिनों में केवल 840 किसानों से खरीदा गया 5137 टन मक्का.. तय लक्ष्य से बहुत कम, आखिर क्या है वजह?

यूपी में बीते 28 दिनों में केवल 840 किसानों से 5137 टन ही मक्के की सरकारी खरीद हो पायी है, जबकि सरकार का लक्ष्य 25 हज़ार टन मक्का ख़रीदने का है. इसकी बड़ी वजह सरकार द्वारा तय मानकों और बारिश को बताया जा रहा है.

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