प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

काशी में पीएम मोदी ने बनास डेयरी के पशुपालकों को दिया 106 करोड़ रुपये का बोनस, कहा ‘काशी मेरी है और मैं काशी का हूं’

बनास डेयरी ने काशी में हजारों परिवारों की आर्थिक स्थिति को बदला है, खासकर महिलाओं को सशक्त बनाकर. पूर्वांचल की अनेक बहनें अब लखपति दीदी बन चुकी हैं. पहले गुजारे की चिंता थी, अब उनके कदम खुशहाली की ओर बढ़ रहे हैं. इतना ही नहीं भारत आज दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है, जिसमें पिछले 10 वर्षों में 65 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. बनास डेयरी काशी संकुल 1 लाख किसानों से दूध संग्रह कर रहा है और गीर गायों का वितरण कर पशुपालकों को सशक्त बना रहा है. काशी दौरे के दौरान पीएम मोदी ने ये बातें कहीं।

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गन्ने की फसल

गन्ने की फसल में बढ़ रहा है फड़का रोग का प्रकोप, गन्ना वैज्ञानिक से जानें उपचार के तरीके

गन्ना एक नकदी फसल है, जिसका देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान है। गन्ना किसानों की आय का एक मुख्य स्रोत भी है। आपको बता दें कि भारत में गन्ने की सबसे ज्यादा खेती उत्तर प्रदेश में होती है। यहां 28.53 लाख हेक्टेयर से अधिक जमीन पर गन्ने की खेती होती है, जिस पर लगभग 839 कुंटल प्रति हेक्टेयर गन्ने का उत्पादन होता है। वर्तमान में प्रदेश के किसानों ने ग्रीष्मकालीन गन्ने की बुवाई की हुई है। इस दौरान प्रदेश के कई जिलों में किसान फसल में पाइरीला का प्रकोप देख रहे हैं। पाइरीला को किसान फड़का रोग भी कहते हैं। इस रोग से बचाव के लिए प्रसिद्ध गन्ना वैज्ञानिक पद्मश्री बक्शीराम यादव ने किसानों को कुछ जरुरी टिप्स दिये हैं।

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बिहार सरकार

रबी 2024-25 मौसम के लिए ‘बिहार राज्य फसल सहायता योजना’ के तहत किसान 21 अप्रैल 2025 तक कर सकते हैं आवेदन

बिहार सरकार के सहकारिता विभाग की ओर से चल रही “बिहार राज्य फसल सहायता योजना” के तहत खरीफ मौसम 2024 के लिए पात्र किसानों के आंकड़ों के सत्यापन की प्रक्रिया शुरू हो गई है. योजना के तहत सबसे अधिक आवेदन पूर्वी चंपारण जिले से मिले हैं, जहां करीब 9 लाख 59 हजार 502 किसानों ने आवेदन किया. इसके साथ ही रबी 2024-25 मौसम के लिए भी किसानों से आवेदन लिए जाने की शुरुआत हो चुकी है. आपको बता दें कि ‘बिहार राज्य फसल सहायता योजना’ के लिए आवेदन प्रक्रिया 7 सितंबर 2024 से 18 नवंबर 2024 तक चली, जिसमें राज्य भर से कुल 9,59,502 किसानों ने आवेदन किया.

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हरियाणा

हरियाणा में बनेगा हाइड्रोपोनिक्स खेती के लिए ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’

हरियाणा और इजरायल ने बागवानी के क्षेत्र में खेती-किसानी में नए तकनीक को लेकर एक साझा दृष्टिकोण प्रस्तुत किया है. हरियाणा के कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा और इजरायल के कृषि और खाद्य सुरक्षा मंत्री एवी डिक्टर के बीच इंडो-इजरायल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर वेजिटेबल्स, घरौंडा (करनाल) में महत्वपूर्ण बैठक हुई. यह बैठक दोनों देशों के बीच नई दिल्ली में हुए कृषि सहयोग समझौते और कार्य योजना पर हस्ताक्षर के एक दिन बाद आयोजित की गई. इस बैठक में हाइड्रोपोनिक्स के क्षेत्र में ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ के रूप में विकसित करने पर सहमति जताई गई.

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जायद फसलों

ग्रीष्मकालीन बुवाई क्षेत्र में 15 प्रतिशत की वृद्धि, लेकिन तिलहन का रकबा लगभग स्थिर

इस समय देशभर में रबी फसलों की कटाई और जायद फसलों की बुवाई का काम चल रहा है। जायद सीजन में मुख्य रूप से मूंग, उड़द, मक्का और सब्जियों की खेती होती है। इसके अलावा कुछ जगहों पर दलहन और तिलहन फसलों के अलावा धान की भी खेती की जाती है।आपको बता दें कि जायद फसलों की बुवाई का सही समय मार्च से अप्रैल तक माना जाता है।

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बीटी कॉटन के बीजों की बढ़ती कीमतों पर राकेश टिकैत ने कृषि मंत्री चौहान को लिखा पत्र

बीटी कपास की बढ़ती कीमतों को देखते हुए बीकेयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर इस ओर ध्यान दिलाया है। राकेश टिकैत ने पत्र में कहा है कि केंद्र सरकार ने बीटी कपास के बीजों की कीमतों में बढ़ोतरी का बेहद चिंताजनक फैसला लिया है। बीटी कपास की विफलता के कारण कपास की पैदावार में भारी गिरावट आ रही है और हाल के वर्षों में देश के विभिन्न हिस्सों में कीटों, विशेष रूप से गुलाबी बॉलवर्म के हमले बढ़े हैं। इससे किसानों को भारी नुकसान हो रहा है।

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उत्तर प्रदेश

यूपी में आंधी, बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों पर बरपाया कहर, मुख्यमंत्री योगी ने दिए राहत कार्यों के निर्देश

देशभर में बढ़ते तापमान के बीच उत्तर प्रदेश के ज़्यादातर जिलों में आंधी, बारिश और ओलावृष्टि का कहर जारी है। यह वो समय है जब खेतों में गेहूं पक चुका होता है या कटकर खलिहान में रखा होता है। दलहन और तिलहन की कटाई भी चल रही होती है। ऐसे में इतनी भारी बारिश ने किसानों को काफ़ी नुकसान पहुंचाया है।फसल कटाई के बाद किसानों को अच्छे मुनाफे की उम्मीद थी, लेकिन अब मूसलाधार बारिश ने उनकी सारी मेहनत पर पानी फेर दिया है।

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केंद्रीय कृषि

कृषि मंत्री चौहान ने नेपाल के काठमांडू में तीसरी BIMSTEC में भारत का नेतृत्व किया, बैठक में कृषि विकास पर हुई चर्चा

केंद्रीय कृषि, किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान नेपाल के काठमांडू में तीसरी बिम्सटेक कृषि मंत्रिस्तरीय बैठक (BAMM) में शाम‍िल हुए. इसमें भारत, बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, म्यांमार, थाईलैंड और श्रीलंका जैसे बिम्सटेक देशों के कृषि मंत्री और वरिष्ठ कृषि अधिकारी शामिल हुए. कृषि मंत्री शिवराज ने कहा कि ‘पड़ोसी पहले’ और ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ की प्रमुख विदेश नीति प्राथमिकताओं को पूरा करने के लिए बिम्सटेक एक स्वाभाविक विकल्प है.

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कृषि सलाह

मौसम को देखते हुए किसान करें ये काम, पूसा ने 13 अप्रैल तक के लिए जारी की एडवाइजरी

बदलते मौसम को देखते हुए पूसा ने किसानों के लिए कृषि सलाह जारी की है। किसान इन उपायों को अपनाकर अपनी फसलों को भीषण गर्मी से बचा सकते हैं। पूसा ने एडवाइजरी में कहा है कि किसान अनाज भंडारण से पहले गोदाम को साफ कर लें और अनाज को सुखा लें। अनाज में नमी 12 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए। छत या दीवारों पर दरारें हों तो उन्हें भरकर ठीक कर लें। बोरियों को 5 प्रतिशत नीम के तेल के घोल से उपचारित करें। बोरियों को धूप में सुखाएं। इससे कीड़ों और अन्य बीमारियों आदि के अंडे और लार्वा नष्ट हो जाएंगे। किसानों को सलाह दी जाती है कि कटी हुई फसल और अनाज को सुरक्षित स्थान पर रखें।

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कैबिनेट ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की 1,600 करोड़ रुपये की उप-योजना को मंजूरी दी

भारतीय केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2025-26 के लिए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) की कमांड एरिया डेवलपमेंट और जल प्रबंधन (M-CADWM) आधुनिकीकरण उप-योजना को मंजूरी दे दी है। इस योजना का उद्देश्य सिंचाई जल आपूर्ति इंफ्रास्ट्रक्चर का आधुनिकीकरण करके, सूक्ष्म सिंचाई प्रणालियों के लिए मजबूत बैकएंड इंफ्रास्ट्रक्चर बनाकर और वास्तविक समय जल लेखा और प्रबंधन के लिए SCADA सिस्टम और IoT तकनीकों का लाभ उठाकर किसानों के बीच जल उपयोग दक्षता में सुधार करना है।

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