गन्ना

गन्ना किसानों के लिए बड़ी खबर, केंद्र ने गन्‍ने का FRP 15 रुपये बढ़ाया, 2025-26 के लिए 355 रुपये क्विंटल को दी मंजूरी

कैबिनेट बैठक में आज गन्ना किसानों के लिए बड़ा फैसला लिया गया. सरकार ने किसानों के हित में फैसला लेते हुए गन्‍ने का एफआरपी मूल्‍य बढ़ा दिया . नया मूल्‍य 2025-26 गन्ना के लिए 355 रुपये प्रति किविंटल को मंजूरी दी गई. इसमें 15 रुपये की बढ़ोतरी की गई है. आपको बता दें कि प्रत्येक सीज़न में, केंद्र सरकार कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिशों के आधार पर गन्ने की एफआरपी तय करती है. एफआरपी बेंचमार्क मूल्य है, जिसके नीचे कोई भी चीनी मिल किसानों से गन्ना नहीं खरीद सकती है. एफआरपी की वास्तविक गणना सभी प्रमुख गन्ना उत्पादक राज्यों की उत्पादन लागत के आधार पर की जाती है.

पूरी र‍िपोर्ट

अंग्रेजी दवाओं की छुट्टी करेगा छांछ से बना ये Bio Pesticides, बनाने का तरीका समझिए…

खेती में रासायनिक खादों और कीटनाशकों के लगातार बढ़ते प्रयोग से उत्पादन बढ़े या न बढ़े, उत्पाद की गुणवत्ता जरूर खराब हो रही है। इसके कई अन्य बुरे परिणाम भी हैं जैसे मिट्टी के स्वास्थ्य पर बुरा असर, पर्यावरण को नुकसान आदि।इसी को देखते हुए केंद्र और राज्य सरकारें भी प्राकृतिक खेती और जैविक खेती को बढ़ावा दे रही हैं। किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार उन्हें आर्थिक सहायता भी दे रही है। इसके साथ ही देश में कई किसान ऐसे भी हैं जो बड़े पैमाने पर प्राकृतिक और जैविक खेती कर रहे हैं और अच्छी कमाई भी कर रहे हैं। उन्हीं किसानों में से एक हैं जोधपुर के मथानिया गांव के प्रगतिशील किसान रतनलाल डागा, जो 60 एकड़ में जैविक खेती करते हैं।

पूरी र‍िपोर्ट
सॉइल हेल्थ कार्ड का सार्थक प्रयोग

सॉइल हेल्थ कार्ड, खाद का सही इस्तेमाल, जलवायु अनुकूल खेती..जानिए कृषि मंत्री ने ICAR से और किन मुद्दों पर बात की

कृषि अनुसंधान, देश के कृषि क्षेत्र का प्रमुख आधार है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन अनुसार इसे और अधिक सशक्त करने तथा कृषि शोध के क्षेत्र में नवाचार करने के साथ ही वर्तमान योजनाओं और कार्यक्रमों के प्रभावी कार्यान्वयन के उद्देश्य से केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के उप महानिदेशकों के साथ मैराथन बैठक की शुरुआत की। नई दिल्ली के एनएएससी कॉम्प्लेक्स स्थित बोर्ड रूम में यह अहम बैठक हुई। बैठक में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने आईसीएआर के विभिन्न प्रभागों द्वारा किए जा रहे शोध प्रयोगों की जानकारी लेने के साथ ही भावी रणनीतियों के बारे में विस्तार से मार्गदर्शन दिया।

पूरी र‍िपोर्ट
सचेत ऐप

क्या है Sachet App? पीएम मोदी ने मन की बात में क्यों किया इसका जिक्र… जानें किसानों के लिए कितना उपयोगी है यह ऐप?

मन की बात कार्यक्रम के दौरान ‘सचेत ऐप’ के फायदे गिनाते हुए पीएम मोदी ने बताया कि “बाढ़, चक्रवात, सुनामी, जंगलों में आग, हिमस्खलन, आंधी, तूफान और बिजली गिरने जैसी आपदाओं से पहले ‘सचेत’ ऐप आपको सूचित कर देगा। यह ऐप क्षेत्रीय भाषाओं में भी जानकारी देता है।

पूरी र‍िपोर्ट
मदर डेयरी

Mother Dairy ने बढ़ाए दूध के दाम, आज से दो रुपए प्रति लीटर बढ़ जाएगी कीमत

मदर डेयरी ने दूध के दाम में फिर से बढ़ोतरी की है। कंपनी ने जानकारी दी है कि 30 अप्रैल यानी आज से दूध के दाम में 2 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की जाएगी। इस बढ़ोतरी की वजह बढ़ती इनपुट लागत और गर्मी यानी हीट वेव बताया गया है। आपको बता दें कि पिछले साल जून के महीने में ही कंपनी ने दूध के दाम बढ़ाए थे।

पूरी र‍िपोर्ट
सब्ज़ियों की खेती

सब्ज़ियों की खेती के लिए अपनायें ये तरीका…बढ़ेगा उत्पादन, डबल होगी कमाई

कुरुक्षेत्र, हरियाणा। आपने अक्सर छोटी जोत वाले किसानों को यह कहते सुना होगा कि हमारे पास बहुत कम जमीन है, हम इससे कितना कमा सकते हैं। लेकिन इसके उलट देश में छोटी जोत वाले कई किसान ऐसे हैं, जिन्होंने कड़ी मेहनत और तकनीक के दम पर छोटी जोत होने के बावजूद खेती में सफलता हासिल की है। उन्हीं किसानों में से एक हैं हरियाणा के कुरुक्षेत्र के युवा और प्रगतिशील किसान अंकुर कुमार।

पूरी र‍िपोर्ट
स्ट्रा रीपर और स्ट्रा बेलर मशीन

फसल अवशेष जलाएं नहीं, उनका प्रबंधन करें.. बिहार सरकार स्ट्रा रीपर और स्ट्रा बेलर मशीन पर दे रही 80 फीसदी तक सब्सिडी

फसल कटाई के बाद खेतों में बचे पराली (पराली) को जलाना गलत है। लेकिन फिर भी किसान ऐसा कर रहे हैं, जिसके बुरे परिणाम हो रहे हैं। इससे न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुँच रहा है, बल्कि मिट्टी की गुणवत्ता पर भी असर पड़ रहा है। खेत की मिट्टी में मौजूद सूक्ष्म पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं, जिसका फसल के उत्पादन पर बुरा असर पड़ता है। इसके बुरे परिणामों को देखते हुए बिहार सरकार इसके प्रबंधन में इस्तेमाल होने वाली स्ट्रा रीपर और स्ट्रा बेलर मशीनों पर 80 प्रतिशत की सब्सिडी दे रही है।

पूरी र‍िपोर्ट
कृषि मंत्री

कृषि मंत्री ने देशभर के 731 कृषि विज्ञान केंद्रों से किया संवाद..प्राकृतिक खेती, जल संरक्षण और उत्पादकता बढ़ाने पर दिया जोर

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नई दिल्ली में देशभर के सभी 731 कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) से वर्चुअल संवाद किया। केंद्रीय मंत्री की पहल पर आयोजित इस अभिनव संवाद कार्यक्रम में सभी केवीके के चल रहे प्रयासों, उनकी भूमिका और भावी कार्यक्रमों के कार्यान्वयन को लेकर व्यापक चर्चा हुई। शिवराज सिंह ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि कृषि क्षेत्र के विकास के लिए अभियान स्वरूप कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कृषि व्यापक क्षेत्र है। प्रत्यक्ष रूप से लगभग 45% आबादी कृषि से जुड़ी है और हमारी जीडीपी का लगभग 18% हिस्सा कृषि क्षेत्र से ही आता है, इसलिए इस व्यापक भूमिका को और अधिक सुदृढ़ करने के लिए हमें लगातार प्रभावशाली प्रयास करने होंगे।

पूरी र‍िपोर्ट

ग्रीष्मकालीन धान की बुवाई में बढ़ोतरी, तिलहन में गिरावट, जानें देश में गेहूं की कटाई का हाल

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण व ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कृषि क्षेत्र की प्रगति के संबंध में कृषि भवन, नई दिल्ली में साप्ताहिक समीक्षा के साथ ही नैफेड व राष्‍ट्रीय बागवानी बोर्ड के अधिकारियों के बैठक की। चौहान ने बैठक में वरिष्ठ अधिकारियों से फसलों की कटाई, बुआई, उपार्जन, उर्वरक, खाद-बीज की उपलब्धता, मौसम व  सिंचाई के लिए जलाशयों आदि की स्थिति की जानकारी ली। साथ ही केंद्रीय मंत्री चौहान ने उपज के थोक व खुदरा मूल्यों के बारे में समीक्षा करते हुए विभागीय अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। बैठक में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण सचिव देवेश चतुर्वेदी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

पूरी र‍िपोर्ट
मध्य प्रदेश

ड्रिप सिस्टम, स्प्रिंकलर समेत कई सिंचाई तकनीकों पर सब्सिडी दे रही है मध्य प्रदेश सरकार

मध्य प्रदेश सरकार पानी की कमी को देखते हुए उसे बचाने के कई प्रयास कर रही है. पानी की खपत सबसे ज्यादा खेती किसानी में होती है. इसे देखते हुए राज्य सरकार ने पारंपरिक सिंचाई तकनीकों के बजाय स्प्रिंकलर और ड्रिप सिस्टम जैसे कई तकनीकों पर किसानों को सब्सिडी दे रही है. ये आधुनिक सिस्टम 70 परसेंट तक पानी बचा सकते हैं, जिससे सीमित जल संसाधनों के साथ भी बड़े क्षेत्रों की सिंचाई करना संभव हो जाता है.

पूरी र‍िपोर्ट