हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू

Himachal Budget: प्राकृतिक रूप से उगाए गये मक्के और गेहूं के MSP में रिकॉर्ड बढ़ोतरी, गाय और भैंस के दूध का MSP भी बढ़ा

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोमवार को वित्त वर्ष 2025-26 के लिए राज्य का वार्षिक बजट पेश किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने गाय और भैंस के दूध के न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ोतरी का ऐलान किया। उन्होंने गाय के दूध के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 6 रुपये की बढ़ोतरी कर इसे 45 रुपये से 51 रुपये प्रति लीटर और भैंस के दूध के न्यूनतम समर्थन मूल्य को 55 रुपये से बढ़ाकर 61 रुपये प्रति लीटर करने की घोषणा की।

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हरियाणा बजट में धान की खेती छोड़ने, सीधी बुवाई, पराली प्रबंधन करने वाले किसानों के लिए बड़ी घोषणा

हरियाणा सरकार ने इस साल का अपना बजट पेश किया। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सोमवार को विधानसभा में वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 2.05 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया। इसमें किसानों के लिए भी कई बड़ी घोषणाएं की गई। बजट के दौरान सरकार ने बताया कि ‘मेरा पानी-मेरी विरासत’ योजना के तहत धान की खेती छोड़ने वाले किसानों को मिल रही अनुदान राशि 7000 रुपये प्रति एकड़ से बढ़ाकर 8000 रुपये प्रति एकड़ कर दी गई है। इसके अलावा धान की सीधी बुवाई की अनुदान राशि 4000 रुपये प्रति एकड़ से बढ़ाकर 4500 रुपये प्रति एकड़ किया गया है और अब पराली प्रबंध करने वाले किसानों का अनुदान 1000 रुपये प्रति एकड़ से बढ़ाकर 1200 रुपये प्रति एकड़ दिया जाएगा।

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मक्का उत्पादन

Ethanol के कारण बढ़ रही है मक्के की मांग, किसान अच्छी गुणवत्ता वाले बीज के साथ इन बातों पर ध्यान दें तो बढ़ेगा उत्पादन

देश में मक्का उत्पादन बढ़ाने के लिए भारतीय मक्का अनुसंधान संस्थान (IIMR) ने ‘एथेनॉल उद्योगों के जलग्रहण क्षेत्र में मक्का उत्पादन में वृद्धि’ नामक प्रोजेक्ट शुरू किया है. IIMR के न‍िदेशक डॉ. हनुमान सहाय जाट के अनुसार इस प्रोजेक्ट के तहत अच्छी क‍िस्मों के मक्के की बुवाई करवाई जा रही है. इस प्रोजेक्ट के तहत क‍िसानों को मक्के की खेती के फायदे बताए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि साल 2025-2026 तक पेट्रोल में 20 फीसदी एथेनॉल मिलाने का लक्ष्य हासिल करना है तो मक्का उत्पादन बढ़ाने की जरूरत होगी. इसके लिए पैदावार बढ़ाने के लिए क‍िसानों को अच्छी गुणवत्ता वाले बीज उपलब्ध करावाने होंगे. साथ ही वैज्ञान‍िक तौर-तरीके से खेती करवानी होगी.

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कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और बिल गेट्स की हुई बैठक, डिजिटल कृषि और कृषि में AI इस्तेमाल पर मिलकर करेंगे काम

“कृषि क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। पिछले दशक में कृषि क्षेत्र में भारत की औसत वार्षिक वृद्धि 4% से अधिक रही है। वैश्विक कृषि भूमि व स्वच्छ जल संसाधनों का 4% से भी कम होने के बावजूद, भारत दुनिया की 18% मानव आबादी व 15% पशुधन को खाद्य सुरक्षा देती है। भारत बाजरा, मसाले, दूध, दालों का सबसे बड़ा उत्पादक व चावल, गेहूं, फल-सब्जियों का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है।” बिल गेट्स के साथ बैठक में बोले कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान। उन्होंने कहा कि पोषण सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुये भारत जलवायु-अनुकूलित व सतत कृषि पद्धतियों को बढ़ावा दे रहा है, जैसे प्राकृतिक खेती, जैविक कृषि और जलवायु-स्मार्ट तकनीकें।उन्होंने बताया कि कृषि सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में से एक है। भारत कुल वार्षिक बजट का 10-11% कृषि व संबंधित क्षेत्रों पर खर्च करता है, जो ₹5 लाख करोड़ से अधिक है।

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मूँग की खेती

MP में 14 लाख हेक्टेयर में उगाई जा रही ग्रीष्मकालीन मूंग, कृषि मंत्री कंषाना ने किसानों को कम कीटनाशक इस्तेमाल की दी सलाह

मध्य प्रदेश के किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री एदल सिंह कंषाना ने राज्य के किसानों से अपील की है कि वे ग्रीष्मकालीन मूंग फसल में कीटनाशक एवं नीदानाशक का उपयोग कम से कम करें। कृषि मंत्री कंषाना ने बताया कि मूंग फसल में अत्यधिक रासायनिक दवाओं का दुष्प्रभाव मानव स्वास्थ्य, मृदा स्वास्थ्य, जल एवं…

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मेंथा की रोपाई

बंपर उत्पादन के लिए मार्च-अप्रैल में ऐसे करें मेंथा की खेती , CIMAP के वैज्ञानिक ने दी सलाह

मेंथा को कृषि क्षेत्र में नकदी फसल के रूप में भी जाना जाता है, हालांकि इसका उपयोग दशकों से आयुर्वेद में विभिन्न दवाओं के लिए किया जाता है, इसलिए मेंथा ( पोदीना, पिपरमेंट ) की खेती कश्मीर, पंजाब, उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड सहित भारत के कई क्षेत्रों में की जाती है। मेंथा उत्तर प्रदेश में बड़े क्षेत्रों में उगाया जाता है, उच्च मांग के कारण कई क्षेत्रों में इसकी खेती लोकप्रिय हो रही है। मेंथा की नई किस्में, खेती की उन्नत तकनीक की खोज करने वाले संस्थान CIMAP के वैज्ञानिकों और कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक अगर किसान कुछ बातों का ध्यान रखें तो मेंथा से 3 महीने में ही बहुत अच्छी कमाई हो सकती है।

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स्ट्रॉबेरी और ड्रैगन फ्रूट

पपीता, अमरूद, स्ट्रॉबेरी और ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए सब्सिडी दे रही है बिहार सरकार

बिहार सरकार राज्य के किसानों को आत्मनिर्भर बनाने और उनकी आय बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. राज्य सरकार अनाज उत्पादन के साथ ही फल, फूल और सब्ज़ियों की खेती को भी बढ़ावा दे रही है. इसके लिए किसानों को आर्थिक मदद करके प्रोत्साहित कर रही है. इसी क्रम में राज्य में क्लस्टर में बागवानी योजना की शुरुआत की गई है, जिसके तहत किसानों को फलों के पौधे और पेड़ लगाने के लिए सरकार सब्सिडी दे रही है. इस योजना के तहत गांव में न्यूनतम 25 एकड़ में उधानिकी फसल का पेड़ लगाने पर सब्सिडी दिया जाएगा.

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कृषि में उद्यमिता को बढ़ावा’

HAU में 17 मार्च से शुरू होगा दो दिवसीय कृषि मेला, ‘कृषि में उद्यमिता को बढ़ावा’ विषय पर होगी चर्चा

देशभर में अलग अलग राज्यों में किसानों को जागरूक करने के लिए कृषि मेला का आयोजन किया जाता है. इन मेलों में खेती में तकनीक का सही इस्तेमाल, प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना, खेती को बिज़नेस बनाकर कमाई करना, फसल की सही किस्मों का चयन आदि मुद्दों पर चर्चा की जाती है ताकि किसान खेती से अच्छी कमाई कर सकें. इसके साथ ही देश का उत्पादन बढ़े और आर्थिक स्थिति मज़बूत हो. इसी क्रम में चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (HAU) में 17 मार्च से दो दिन का कृषि मेला लगने जा रहा है.

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विजय कुमार सिन्हा

‘जलायें नहीं बल्कि फसल अवशेष का उचित प्रबंधन करें’, कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने किसानों को दी सलाह

बिहार के उपमुख्यमंत्री सह कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने राज्य के किसानों से गेहूं की कटाई के बाद फसल अवशेष को ना जलाने की अपील की है. उन्होंने कहा है कि राज्य के कई ज़िलों में गेहूं की कटाई शुरू हो चुकी है, ऐसे में किसान गेहूं के फसल अवशेष को जलाने के बजाए…

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बजट से पहले दिल्‍ली सीएम ने किसानों से बात की , कहा पिछले 15-20 वर्षों में, गांवों के लिए कोई काम नहीं किया गया

“पिछले 15-20 वर्षों में, गांवों के लिए कोई काम नहीं किया गया है. इसलिए अब किसानों को दिल्ली की नई सरकार से बहुत उम्मीदें हैं. मैं उन्हें भरोसा दिलाती हूं कि उन्होंने हमारे सामने जो भी समस्याएं रखी हैं, उनका समाधान किया जाएगा. आज डबल इंजन की सरकार है. केंद्र और दिल्ली सरकार मिलकर किसानों की हर समस्या का समाधान करेगी.” बजट से पहले किसानों के साथ बैठक में बोलीं दिल्ली सीएम रेखा गुप्ता.

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