शंभु बॉर्डर

किसान आंदोलन के बीते 13 महीने में क्या-क्या हुआ?

पंजाब पुलिस ने 13 महीने से अधिक समय से शंभू और खनौरी बॉर्डर पर धरना दे रहे किसानों को हटा दिया है। किसानों ने एमएसपी सहित विभिन्न मांगों को लेकर धरना शुरू किया था। अब तक सरकार और किसान नेताओं के बीच कई बैठकें हो चुकी हैं लेकिन कोई हल नहीं निकला। बीते दिन 19 मार्च को भी बैठक थी, जो बेनतीजा रही। जिसकी जानकारी केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मीडिया को दी और कहा कि किसानों के साथ अच्छे माहौल में बैठक हुई गई। अब 4 मई को अगली बैठक करेंगे।

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दालों की कीमतें

सस्ते दाम पर खरीदें मूंग दाल, सरकार ‘भारत ब्रांड’ पर दे रही है भारी सब्सिडी

भारत सरकार ने घरेलू बाजार में दालों की कीमतें कम करने के लिए अहम फ़ैसला लिया है। आम लोगों की सुविधा के लिए सरकार कम दाम पर भारत ब्रांड के जरिये मूंग दाल की बिक्री शुरू करेगी। भारत में दालों की कीमतों में उतार-चढ़ाव और आम जनता के लिए महंगाई को कम करने के लिए भारत सरकार ने जुलाई 2023 में “भारत दाल” योजना शुरू की थी। इस पहल का उद्देश्य जनता को सस्ती कीमतों पर उच्च गुणवत्ता वाली दालें उपलब्ध कराना है। इसके तहत समय-समय पर चना दाल, मूंग दाल और अन्य दालें कम दामों पर बेची जाती हैं।

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वनीला

दुनिया की दूसरी सबसे महंगी फसल है Vanilla, असम के किसान अमर बासुमतारी से जानिए इसकी खेती का तरीक़ा

वनीला (Vanilla) दुनिया की दूसरी सबसे महंगी फसल है, जिसकी कीमत 25,000-40,000 रुपये प्रति किलो तक होती है। पहले नंबर पर अभी भी केसर है। भारत में, वनीला की खेती मुख्य रूप से केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु और उत्तर-पूर्वी राज्यों में होती है, लेकिन अब कई अन्य राज्यों के किसानों ने भी इसकी खेती शुरू कर दी है। असम के किसान अमर बासुमतारी भी वनीला की खेती से अच्छी कमाई कर रहे हैं।

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सरकार और किसान

सरकार और किसान नेताओं के बीच बैठक बेनतीजा रही, अगली बैठक 4 मई को तय

किसानों की लंबित मांगों को लेकर केंद्र सरकार के साथ संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) से जुड़े किसान नेताओं की बैठक ख़त्म हुई। हर बार की तरह इस बार भी बैठक बेनतीजा रही। इस बैठक में भी किसानों की मांगों को लेकर कोई सहमती नहीं बन पाई है। अब चार मई को केंद्र और किसानों के साथ फिर बैठक होगी। यह बैठक चंडीगढ़ सेक्टर-26 के महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट में हुई। बैठक में दोनों किसान संगठनों के 28 सदस्य भाग पहुंचे थे। वहीं दूसरी ओर केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, पीयूष गोयल, प्रहलाद जोशी मौजूद रहे।

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बलरामपुर चीनी मिल

इस तकनीक से बढ़ेगी गन्ने की पैदावार, सरकार भी दे रही है सब्सिडी

भारत में गन्ने की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है। यहां हर साल करीब 58 लाख हेक्टेयर में गन्ने की खेती होती है। गन्ना एक नकदी फसल है, इससे किसानों को अच्छी आमदनी होती है। इसलिए किसान इसकी खेती में काफ़ी रुचि लेते हैं। लेकिन पिछले कुछ सालों से इसकी खेती से किसान नाखुश नज़र आ रहे हैं। वजह है अधिक लागत के बावजूद पैदावार में कमी। कम पैदावार की सबसे बड़ी वजह है सिंचाई में आने वाली दिक्कत और दूसरा, गन्ने में लगने वाला लाला सड़न रोग जिसका सीधा असर उत्पादन पर पड़ता है। लेकिन यूपी में तकनीक के ज़रिए उत्पादन में वृद्धि देखी जा रही है और सरकार भी इसमें किसानों की मदद कर रही है।

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कृषि मंत्री

‘डिजिटल कृषि मिशन समेत हमारी सरकार ने किसानों की स्थिति सुधारने के लिए अनेक उपाय किए हैं’ बोले शिवराज चौहान

“एक जमाना था जब किसानों तक अलग-अलग योजनाओं का लाभ पहुंचाने में बहुत दिक्कत और परेशानी होती थी, क्योंकि हमारे पास विश्वसनीय डाटा होते नहीं थे। लेकिन अब प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में एक डिजिटल कृषि क्रांति भारत में हुई है और डिजिटल कृषि मिशन बनाया गया है।डिजिटल कृषि मिशन के अंतर्गत किसान आईडी बनने से किसानों को लाभ मिल रहा है।” लोकसभा में बोले केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान।

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FSSAI

FSSAI ने बताई असली-नकली मिर्च की पहचान

आजकल बाजार में मिल तो सब कुछ जाता है लेकिन पैसा देने के बाद भी ये ज़रूरी नहीं है कि आपको सही चीजें मिले. चाहें वो फल-सब्ज़ी हो या घी-आटा या फिर दूध-दही कुछ भी. जो भी बाज़ार से लायी हुई चीजें हम खा रहे हैं एक तो हमें ये नहीं पता कि वो असली है या नक़ली. इसके अलावा, केमिकल्स और हानिकारक फर्टिलाइजर और पेस्टीसाइड्स के इस्तेमाल से इन फ़ूड आइटम्स की गुणवत्ता पर भी सवाल उठते हैं. ऐसे में FSSAI ने खाद्य पदार्थों में मिलावट की पहचान के लिए एक विशेष अभियान शुरू किया है. 

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बाग़वानी फसलों

IMD ने बागवानी फसलों को तेज हवाओं से बचाव के लिए जारी की एडवाइजरी

तेज हवाओं और ओलावृष्टि जैसे ख़राब मौसम का सबसे ज्यादा बुरा प्रभाव कृषि क्षेत्र पर पड़ता है. विशेष रूप से गेहूं, चना और मसूर जैसी खड़ी फसलों पर भारी बारिश का असर देखने को मिलता है. इसके अलावा बाग़वानी फसलों पर भी बुरा असर पड़ता है. आईएमडी के मुताबिक़ पूर्वी और मध्य भारत में 20 से 22 मार्च 2025 तक मौसम में बड़ा बदलाव होने की संभावना है. ऐसे में आईएमडी ने किसानों को बाग़वानी फसलों को ढकने के लिए जाली या तंबू का प्रयोग करने की सलाह दी है ताकि ओलावृष्टि से नुकसान कम हो सके.

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खेती में मददगार बनेगा NASA और ISRO का नया उपग्रह 'NISAR'..

खेती में मददगार बनेगा NASA और ISRO का नया उपग्रह ‘NISAR’..फसलों और मिट्टी की देगा सटीक जानकारी

नासा और इसरो का नया उपग्रह निसार(NISAR) को इस साल भारत के दक्षिण-पूर्वी तट पर इसरो के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया जाएगा। एक बार चालू होने के बाद, यह कृषि सहित कई क्षेत्रों में शोधकर्ताओं और उपयोगकर्ताओं के लिए प्रतिदिन लगभग 80 टेराबाइट आंकड़े देगा। यह पृथ्वी मिशन रोपाई से लेकर कटाई तक फसलों की वृद्धि की निगरानी करने में मदद करेगा, जिससे रोपाई, बीज बोने का समय निर्धारित करने, सिंचाई करने और एक और अहम रिसोर्स समय का अधिकतम उपयोग करने के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिलेगी। यह जानकारी दुनिया भर के किसानों की मदद कर सकता है।

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गेहूं की ख़रीद

इन राज्यों में शुरू हो चुकी है गेहूं की सरकारी ख़रीद, MP में 175 रुपए तो राजस्थान 150 रुपए प्रति क्विंटल मिल रहा Bonus

देश भर में गेहूं की कटाई शुरू हो चुकी है। इसके साथ ही कुछ प्रमुख उत्पादक राज्यों में गेहूं की MSP पर सरकारी ख़रीद भी शुरू हो चुकी है। उत्‍तर प्रदेश में 17 मार्च से, मध्‍य प्रदेश में 15 मार्च से और राजस्थान में 10 मार्च से सरकारी खरीद शुरू हो चुकी है।आपको बता दें कि केंद्र ने चालू मार्केटिंग सीजन 2025-26 के लिए गेहूं पर न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य 2425 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। लेकिन राजस्थान सरकार राज्य के किसानों को 150 रुपये प्रत‍ि क्विंटल बोनस भी दे रही है यानी किसानों को 2575 रुपये प्रति क्विंटल का भाव मिल रहा है। इसके अलावा मध्‍य प्रदेश में गेहूं पर MSP के अलावा 175 रुपये प्रति क्विंटल बोनस भी दिया जा रहा है।

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