दिनभर की खेती किसानी से जुड़ी खबरों की न्यूज पोटली में आपका स्वागत है। चलिए देखते हैं आज की पोटली में किसानों के लिए क्या क्या नया है।
1.कल शाम प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने खरीफ सीजन 2024-25 के लिए 14 खरीफ फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में बढ़ोतरी का निर्णय लिया है।
MSP में सबसे महत्वपूर्ण बढ़ोतरी तिलहन और दालों के लिए की गई है। धान फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP में 117 रुपये की वृद्धि के साथ 2300 रुपये प्रति क्विंटल करने का निर्णय लिया गया है।
किस फसल की कितनी बढ़ी MSP –
- धान का MSP 2300 रुपये प्रति क्विंटल होगा जो पिछले वर्ष की तुलना में 117 रुपये अधिक है.
- तूर का MSP 7550 रुपये प्रति क्विंटल होगा जो पिछले वर्ष की तुलना में 550 रुपये अधिक है.
- उरद का MSP 7400 रुपये प्रति क्विंटल होगा जो पिछले वर्ष की तुलना में 450 रुपये अधिक है.
- मूंग का MSP 8682 रुपये प्रति क्विंटल होगा जो पिछले वर्ष की तुलना में 124 रुपये अधिक है.
- मूंगफूली का MSP 6783 रुपये प्रति क्विंटल होगा जो पिछले वर्ष की तुलना में 406 रुपये अधिक है.
- कपास का MSP 7121 रुपये प्रति क्विंटल होगा जो पिछले वर्ष की तुलना में 501 रुपये अधिक है.
- ज्वार का MSP 3371 रुपये प्रति क्विंटल होगा जो पिछले वर्ष की तुलना मे 191 रुपये अधिक है.
- बाजरा का MSP 2625 रुपये प्रति क्विंटल होगा जो पिछले वर्ष की तुलना मे 125 रुपये अधिक है.
- मक्का का MSP 2225 रुपये प्रति क्विंटल होगा जो पिछले वर्ष की तुलना में 135 रुपये अधिक है.
2.बिहार सरकार गेंदे के फूल की खेती को बढ़ावा देने के लिये प्रदेश के किसानों को 70% का अनुदान दे रही है।
राज्य सरकार गेंदा फूल की खेती को बढ़ावा देने के लिए एक नई योजना चला रही है। योजना के तहत गेंदा फूल की खेती के लिए सरकार 70 % तक सब्सिडी दे रही है।
गेंदा फूल की खेती के लिये समस्तीपुर के अलावा मुजफ्फरपुर, पश्चिमी चंपारण, दरभंगा, मधुबनी और पूर्वी चंपारण जिले को शामिल किया गया है।इसके लिये उद्यान विभाग द्वारा 805 हेक्टेयर का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक जिले में पहले गेंदा फूल की खेती काफी कम क्षेत्रफल में होती थी। इस लिहाज से वर्ष 2023-24 में मात्र 6 हेक्टेयर का लक्ष्य दिया गया था। विभाग द्वारा किसानों को जागरूक करने के बाद इसमें बढ़ोतरी हुई है।
3.टी एसोसिएशन ऑफ इंडिया (TAI) ने कहा कि जून 2024 के अंत तक उत्तर भारत में चाय उत्पादन में संयुक्त गिरावट पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में लगभग 60 मिलियन किलोग्राम कम होने का अनुमान है।
इकोनॉमिक टाइम्स के एक रिपोर्ट के अनुसार टी एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष, संदीप सिंघानिया ने कहा कि उत्तर भारतीय चाय उद्योग के उत्पादन के आंकड़े उद्योग में अनिश्चित स्थिति को दर्शाते हैं, जिसके परिणाम स्वरूप अपर्याप्त वर्षा और अत्यधिक गर्मी के कारण फसल का उत्पादन काफी हद तक प्रभावित हुआ है।
और अब किसानों से लिए सबसे उपयोगी मौसम की जानाकरी
4.मौसम अपडेट :
गर्मी और लू से परेशान लोगों को मानसून का बेशब्री से इंतज़ार है। मौसम विभाग का कहना है कि मानसून के आगे बढ़ाने के लिए स्थितियां अब अनुकूल हो गई है। 20 जून 2024 को विदर्भ, छत्तीसगढ़ उड़ीसा में मानसून पहुंच गया है। अगले तीन से चार दिनों में बिहार और उत्तर प्रदेश में मानसून पहुंच सकता है।
और आखिर में न्यूज पोटली की ज्ञान पोटली
5.बढ़ती गर्मी और बदलते मौसम के कारण कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उसमे एक मौसमी सब्जियों की उपज में गिरावट भी शामिल है, जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है। ऐसे में, सही जानकारी और तकनीकों को अपनाकर इस समस्या से बचा जा सकता है।
नीचे कुछ अहम उपाय दिए गए हैं जिन्हें अपनाकर किसान अपनी उपज को सुरक्षित और बेहतर बना सकते हैं।
- मिट्टी में पर्याप्त नमी बनाए रखने के लिए ड्रिप या स्प्रिंकलर बेहतर सिंचाई तकनीक का उपयोग करना चाहिए.
- पौधों को सीधी धूप से बचाने के लिए छाया जाल यानी शेड नेट की व्यवस्था करना चाहिए
- मिट्टी की नमी को संरक्षित करने और मिट्टी के तापमान को कम करने के लिए जैविक मल्च का उपयोग करना चाहिए.
- भविष्य के लिए गर्मी-सहिष्णु किस्में, गर्मी प्रतिरोधी सब्जी की किस्मों की खेती पर जोर देना चाहिए.
- हीट वेव अवधि से बचने के लिए सही समय से खेती और बुवाई करनी चाहिए.
- तापमान में उतार-चढ़ाव को कम करने के लिए खेत की मिट्टी के कार्बनिक पदार्थ की मात्रा को बढ़ानी चाहिए
इन सुझावों को लागू करने से किसानों को गर्मी की लहरों यानी हीट वेव से उत्पन्न चुनौतियों का सामना करने और सब्जी उत्पादन को बनाए रखने में मदद मिल सकती है।
खेती किसानी की रोचक जानकारी और जरुरी मुद्दों, नई तकनीक, नई मशीनों की जानकारी के लिए देखते रहिए न्यूज पोटली।