मार्केटिंग सीजन 2024-25 में फरवरी के मध्य तक भारत का चीनी उत्पादन 12 प्रतिशत घटकर 197 लाख टन रह गया है, जिसका मुख्य कारण महाराष्ट्र और कर्नाटक में कम उत्पादन है। उत्तर प्रदेश में चीनी उत्पादन में भी कमी देखी गई। इसके अतिरिक्त, इथेनॉल की ओर चीनी का डायवर्जन लगभग 14.1 लाख टन तक बढ़ गया।
उद्योग संगठन ISMA के आंकड़ों के अनुसार, सितंबर में समाप्त होने वाले चालू विपणन वर्ष में 15 फरवरी तक भारत का चीनी उत्पादन 12 प्रतिशत गिरकर 197 लाख टन रह गया, जिसका मुख्य कारण महाराष्ट्र और कर्नाटक में कम उत्पादन है। चीनी विपणन वर्ष अक्टूबर से सितम्बर तक चलता है। चीनी उत्पादन का डेटा इथेनॉल बनाने के लिए स्वीटनर के डायवर्जन के बाद का है।
ISMA ने कहा
इंडियन शुगर एंड बायो एनर्जी मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (ISMA) ने अपने एक बयान में कहा कि चालू 2024-25 विपणन वर्ष में 15 फरवरी, 2025 तक चीनी उत्पादन 197.03 लाख टन तक पहुंच गया, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में 224.15 लाख टन था।
31 जनवरी तक इथेनॉल आपूर्ति के आंकड़ों के अनुसार, ISMA ने कहा कि इथेनॉल की ओर चीनी का डायवर्जन लगभग 14.1 लाख टन होने का अनुमान है, जबकि एक साल पहले की अवधि में यह लगभग 8.3 लाख टन था।
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उत्तर प्रदेश में चीनी उत्पादन 67.77 लाख टन से गिरकर 64.04 लाख टन हो गया
राज्यों के बीच, ISMA के आंकड़ों से पता चला है कि उत्तर प्रदेश में चीनी उत्पादन 67.77 लाख टन से गिरकर 64.04 लाख टन हो गया है।समीक्षा के समय में महाराष्ट्र में उत्पादन 79.45 लाख टन से घटकर 68.22 लाख टन रह गया, जबकि कर्नाटक में उत्पादन 43.20 लाख टन से गिरकर 35.80 लाख टन रह गया।
ये देखें –
चीनी उत्पादन में 12 प्रतिशत की गिरावट, ISMA का बयान
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