कर्नाटक सरकार ने भारी बारिश से प्रभावित किसानों को राहत देते हुए 14.24 लाख किसानों को 1,033.6 करोड़ रुपये की इनपुट सब्सिडी देना शुरू कर दिया है। यह राशि DBT के जरिए सीधे खातों में भेजी जाएगी। सरकार ने सब्सिडी की राशि भी बढ़ा दी है, जिससे राज्य के 27 जिलों के किसान लाभान्वित होंगे। इस साल लगभग 14.58 लाख हेक्टेयर फसल खराब हुई है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने केंद्र सरकार से अतिरिक्त आर्थिक सहायता की मांग की है।
कर्नाटक में इस साल भारी बारिश से नुकसान झेल रहे किसानों के लिए राहत की बड़ी खबर आई है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने गुरुवार को 14.24 लाख किसानों को 1,033.6 करोड़ रुपये की अतिरिक्त इनपुट सब्सिडी देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह राशि किसानों के खाते में सीधे DBT के जरिए भेजी जाएगी।
इनपुट सब्सिडी की राशि बढ़ा दी
सरकार ने इनपुट सब्सिडी की राशि भी बढ़ा दी है। अब वर्षा आधारित फसलों के लिए सब्सिडी 8,500 रुपये से बढ़ाकर 17,000 रुपये प्रति हेक्टेयर, सिंचित फसलों के लिए 17,000 से 25,500 रुपये, और बहुवर्षीय फसलों के लिए 22,500 से 31,000 रुपये प्रति हेक्टेयर कर दी गई है। इससे राज्य के 27 जिलों के किसान लाभान्वित होंगे।
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14.58 लाख हेक्टेयर में फसल हुई खराब
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस साल मानसून के दौरान 82.56 लाख हेक्टेयर में बुवाई हुई, जो अब तक का रिकॉर्ड है, लेकिन जून–सितंबर की भारी बारिश की वजह से 14.58 लाख हेक्टेयर में फसल खराब हुई, जिसकी कीमत करीब 10,748 करोड़ रुपये आंकी गई है। नुकसान वाली प्रमुख फसलें तुअर दाल, हरा चना, कपास और मक्का रही हैं।
केंद्र से आर्थिक सहायता मांगी
सिद्धारमैया ने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आर्थिक सहायता मांगी है। इसमें इनपुट सब्सिडी के लिए 614.9 करोड़ रुपये और संपत्ति पुनर्निर्माण के लिए 1,521.67 करोड़ रुपये की मांग शामिल है। वहीं, राजस्व मंत्री कृष्ण बायरे गौड़ा ने कहा कि इस मामले की जांच के लिए केंद्र की इंटर-मिनिस्ट्रीयल टीम (IMCT) जल्द ही राज्य का दौरा करेगी ताकि किसानों को उचित राहत मिल सके।
उन्होंने उम्मीद जताई कि इस बार राहत जल्द जारी होगी, क्योंकि पिछले साल सूखे के समय राज्य को कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ी थी। सरकार का कहना है कि किसानों को संकट से बाहर निकालना उसकी पहली प्राथमिकता है।
ये देखें –
पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।