लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए बड़ा कदम उठाया है। यूपी की सरकार ने सरकार ने 272 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बनाई है, ताकि प्रदेश के 54 जनपदों में परंपरागत कृषि विकास योजना के तहत खेती की जा सकें । इसके अलावा बुंदेलखंड को प्राकृतिक खेती के लिए उत्तर प्रदेश का हब बनाने की सरकार की तैयारी है।
प्राकृतिक खेती में रासायनिक खादों और कीटनाशकों की जगह जैविक उत्पादों का उपयोग किया जाएगा, ताकि जल, जमीन को बचाया जा सकें । सरकार ने गंगा के साथ अन्य नदियों के किनारों पर 5 किलोमीटर के दायरे में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की योजना बनाई है। इस पर 270.62 करोड़ रुपये खर्च होंगे और 1886 क्लस्टर बनाए जाएंगे।
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इस योजना के तहत, गंगा और अन्य नदियों के किनारों पर रासायनिक खादों के रिसाव को रोका जाएगा। इस कदम से कदम गंगा और अन्य नदियों के किनारे के 27 जनपदों में नमामि गंगे योजना के अंतर्गत पहले से चल रही रसायनमुक्त खेती को और भी बढ़ावा देगा।
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योगी सरकार ने कृषि विभाग के बजट में प्राकृतिक खेती के लिए 124 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जिससे 10 हजार हेक्टेयर में प्राकृतिक खेती हो रही है। इस समय 5000 क्लस्टर्स में लगभग 18,000 किसान प्राकृतिक खेती कर रहे हैं। यह कदम प्रदेश के जैविक कृषि क्षेत्र को और भी मजबूत बनाएगा, विशेष रूप से गंगा के मैदानी इलाकों में जहां जैविक खेती की संभावना बहुत अधिक है।